PETA ने बड़ी जीतों के साथ अंतर्राष्ट्रीय पशु अधिकार दिवस का जश्न मनाया

Posted on by Shreya Manocha

अंतर्राष्ट्रीय पशु अधिकार दिवस के अवसर पर PETA इंडिया द्वारा हमेशा की तरह पशुओं का जीवन सुधारने और उनके अधिकारों के हित में लड़ने हेतु विधिन्न कदम उठाएँ गए। इस वर्ष भी हमने संकट में फंसे जानवरों की जान बचाने हेतु विभिन्न सफ़ल प्रयास किए और पशु कल्याण कानूनों और नीतियों में सुधार के लिए सरकारी अधिकारियों, मशहूर हस्तियों और अन्य प्रभावशाली लोगों के साथ मिलकर कार्य किया। इस वर्ष हमने बहुत सी सफलताएँ हासिल की जिनमें से निम्नलिखित प्रमुख हैं:

सूअरों के लिए हमारे कार्य का समर्थन करें

  • PETA इंडिया की एक शिकायत पर कार्यवाही करते हुए चंडीगढ़ पुलिस शहर में छापेमारी करके, शादियों में इस्तेमाल होने वाले घोड़ों को नियंत्रित करने के लिए पहनायी जाने वाली 200 से अधिक काँटेदार लगामों को ज़ब्त किया। इन काँटेदार लगामों को ख़ासतौर पर जानवरों के मुंह में पहनाकर उनको पीड़ित करने के लिए बनाया जाता है। PETA इंडिया ने इस तरह की मुहीम महाराष्ट्र एवं दिल्ली में भी आयोजित की थी।
क्रूर काँटेदार लगामों पर प्रतिबंध लगवाने में हमारी मदद करें

 

  • PETA इंडिया की शिकायत पर कार्यवाही करते हुए दिल्ली पुलिस ने अवैध माँझा ज़ब्त किया और चंडीगढ़ सरकार ने तीखे माँझे के निर्माण, आयात, परिवहन, भंडारण, बिक्री, उपयोग एवं निपटान पर रोक लगा दी। यह प्रतिबंध पक्षियों, मनुष्यों एवं एवं जानवरों के साथ-साथ पर्यावरण की सुरक्षा का मद्देनज़र जारी किया गया है।
हर प्रकार के तीखे माँझे पर रोक लगवाने हेतु कार्यवाही करें

  • PETA इंडिया ने शोषित हथिनी जॉयमाला (जिसे जैमलयथा भी कहा जाता है) को बचाने हेतु अभियान चलाया जो पिछले एक दशक से तमिलनाडु के श्रीविल्लिपुथुर नचियार थिरुकोविल मंदिर की हिरासत में है। हम उसकी रिहाई हेतु संबन्धित अधिकारियों (उसकी दयनीय स्थिति से आक्रोशित नागरिकों एवं सर पॉल मेकार्टनी और अन्य बॉलीवुड हस्तियों के साथ) के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। PETA इंडिया द्वारा गौहाटी उच्च न्यायालय से अनुरोध किया गया है कि जॉयमाला को किसी अभयारण्य में स्थानांतरित किया जाए जहाँ उसे आवश्यक पशु चिकित्सकीय उपचार और देखभाल मिल सके।
जॉयमाला की रिहाई हेतु आवाज़ उठाएँ

  • PETA इंडिया के साथ हाल ही में एक बैठक के बाद, भारत के सबसे बड़े टिकटिंग पोर्टल BookMyShow ने अपने प्लेटफॉर्म से जानवरों का उपयोग करने वाले सर्कस को हटा दिया है और भारतीय जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड (AWBI) ने हाल ही में आवश्यक प्रमाणीकरण के बिना जानवरों का उपयोग करने वाले सर्कसों के खिलाफ़ कार्रवाई की मांग की है। सर्कस में प्रयोग किए जाने वाले पशुओं के प्राकृतिक उत्थान को पूर्ण रूप से बाधित किया जाता है और उनसे जबरन मुश्किल, असहज और कष्टदायी करतब कराए जाते हैं।
जानवरों का इस्तेमाल करने वाले सर्कसों को बंद करवाने में हमारी मदद करें

क्या आपने अपने कॉलेज/विश्वविद्यालय या किसी और को अवैध प्रयोगों के लिए जानवरों का इस्तेमाल करते हुए देखा है? हमारे साथ विवरण साझा करें-

गधों के अवैध व्यापार पर रोक लगवाने हेतु कार्यवाही करें

  • PETA इंडिया की नई जाँच में मांस एवं अंडा उद्योग में चूजों के साथ होने वाली क्रूरता का खुलासा हुआ। हैचरियों में अंडों को आमतौर पर बिजली से चलने वाले इनक्यूबेटर में रखा जाता है, जिस कारण चूजों का जन्म अंग विकृति और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के साथ हो सकता है। चूजों के जन्म के समय कार्मिक संवेदनशील जननांगों पर ज़ोर से दबाकर उनके लिंग का निर्धारण करते हैं। अंडा उद्योग में नर चूजों को बेकार माना जाता है क्योंकि वे अंडे नहीं देते हैं इसलिए उन्हें पैदा होते ही मौत के घाट उतार दिया जाता है। मांस और अंडा उद्योग में आकार या स्वास्थ्य के कारण कई चूजों का त्याग किया जाता है एवं उनकी हत्या कर दी जाती है। यहाँ कई चूजों को ड्रमगड्ढोंकूड़ेदानों और तालाबों में फेंककर मरने के लिए छोड़ दिया जाता है। इन सजीव प्राणियों को जिंदा दफ़नाकर, डूबाकर, कुचलकर या गला दबाकर मौत के घाट उतारा जाता है और यहाँ तक कि मछलियों, कुत्तों या चीलों के सामने भोजन के रूप में लावारिस छोड़ दिया जाता है।
नर चूजों के हक़ में आवाज़ उठाएँ

  • PETA इंडिया के अपील के बाद पंजाब और छत्तीसगढ़ पुलिस ने जानवरों की कुर्बानी के लिए अवैध हत्याओं एवं क्रूरताओं पर कार्यवाही की मांग की। पुलिस अधीक्षकों ने एक पत्र के द्वारा धार्मिक त्यौहारों के दौरान दी जाने वाली पशु कुर्बानी हेतु जानवरों के अवैध परिवहन एवं हत्याओं संबंधी शिकायतों पर तत्काल कार्यवाही करने और जानवरों की कुर्बानी से संबन्धित सभी पशु संरक्षण क़ानूनों का अनुपालन सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।
पशु कुर्बानी पर रोक लगाने हेतु सहायता करें: आज ही कार्यवाही करें!

  • कोलकाता में सवारी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले घोड़ों पर PETA इंडिया की तीसरी जांच में खुलासा हुआ है कि वे गंभीर संकट की स्थिति का सामना कर रहे हैं। PETA इंडिया की नई विस्फोटक मूल्यांकन रिपोर्ट में कोलकाता में पर्यटकों और सवारी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले 100 से अधिक घोड़ों की निरंतर दयनीय स्थिति का विवरण दिया गया है।
आज ही कोलकाता में घोड़ों की सहायता करें

सभी जीवित प्राणियों को अपना जीवन सम्मानपूर्वक जीने का पूरा हक़ है। जानवर हमारे परीक्षण करने, भोजन बनने, वस्त्र बनने, मनोरंजन हेतु इस्तेमाल होने या किसी भी अन्य तरीके से दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं हैं। क्या आप भी पशु अधिकार की लड़ाई में अपनी भागीदारी निभाना चाहते हैं? आज ही कार्रवाई करें:

पशुओं के हित में आवाज़ उठाएँ