बीस साल पहले, इस सरल सिद्धांत के साथ PETA इंडिया की स्थापना की गयी कि जानवर हमारे प्रयोग करने, हमारा भोजन बनने, हमारे वस्त्र बनने, हमारे मनोरंजन के लिए इस्तेमाल होने या किसी अन्य तरीके से हमारा दुरुपयोग सहने के लिए नहीं हैं। हमारे कार्यकर्ता, सदस्य एवं समर्थक उन सभी तरह के जानवरों के लिए जीवन में सुधार लाने के लिए समर्पित हैं जो इन्सानों के लालच व लाभ हेतु दर्दनाक जीवन जीने एवं जान गवाने का खामियाजा भुगत रहे हैं। हम निरंतर अपने लक्ष्य की ओर बड़ रहे हैं और हमारे प्रयासों से समाज में पशुओं के प्रति लगातार सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं। मानव समाज अब महत्वपूर्ण मुद्दों को समझने लगा है जैसे कि पशुओं को मारना मतलब पृथ्वि को तबाह करना। जानवर बुद्धिमान, संवेदनशील प्राणी हैं जो इन्सानों द्वारा सम्मान दिये जाने के हकदार हैं। इस धारणा को सही साबित करने हेतु पिछले 20 सालो में PETA इंडिया द्वारा पशुओं के संबंध में भारत में किए गए कुछ महत्वपूर्ण कार्यों को यहाँ उल्लेखित किया गया है-

जानवर हमारे प्रयोग करने के लिए नही हैं

जानवर हमारा भोजन बनने के लिए नही हैं

  • हमने बिलबोर्ड अभियान चलकर, पकवान विधियों पर सामग्री वितरित करके, अनेकों प्रदर्शन करके, मुफ्त स्टार्टर किट प्रदान करके, त्यौहारों एवं अन्य आयोजनों पर मुहीम चलकर पशु एवं पर्यावरण अनुकूल स्वादिष्ट वीगन भोजन को बढ़ावा दिया।
  • हमने अंडा, मांस एवं डेयरी उद्योग पर गुप्त जांच करके इन उद्योगों में पशुओं पर हो रही क्रूरताओं का खुलासा किया इसमे मुंबई के देवनार बूचड़खाने पर की गयी जांच भी शामिल है जहां पशुओं के साथ होने वाले अमानवीय व्यवहार, गंदी एवं बदबूदार स्थितियाँ तथा पशु संरक्षण कानूनों का खुलेआम हो रहे उलंघन का पर्दाफाश किया।
  • अंडा, मांस एवं डेयरी उद्योग की दर्दनाक हकीकत को बयां करने वाली हमारी विशेष जांच पर आधारित वीडियो “ग्लास वाल” के माध्यम से हमने पशुओं के साथ हो रहे वीभत्स अमानवीय व्यवहार का खुलासा किया जिसे स्वयं फिल्मस्टार आर माधवन द्वारा प्रस्तुत किया गया है।
  • हम, पशुओं को गैरकानूनी तरीकों से परिवहन करने एवं बूचड़खानों में अवैध तरीकों से मौत के घाट उतार दिये जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर किए गए केस का हिस्सा थे। इस केस पर अदालत ने अवैध कत्लखानों को बंद किए जाने तथा माँस एवं चमड़े हेतु चल रहे लाइसेन्स प्राप्त कत्लखानों में पशुओं के साथ उचित व्यवहार एवं कानूनी मानकों की जांच करने हेतु एक समिति बनाए जाने का आदेश जारी किया था।
  • माँस के लिए पशुपालन का पालन, बढ़ते जलवायु संकट का मुख्य कारण है, इस विषय पर जागरूकता बढ़ाने के लिए हमने राष्ट्रीय स्टार पर मुहीम चलायी।
  • स्थानीय कार्यकर्ता एवं सरकारी अधिकारियों की मदद से बकरीद के दौरान कुर्बानी के लिए ले जाए जा रहे 7 ऊंटों को बचाया।
  • हमने कुल्लू मेला के अधिकारियों को वहाँ पशु बलि की स्वीकृति न दिये जाने का अनुरोध किया।
  • हमने स्थानीय कार्यकर्ता एवं पुलिस की मदद से शिलोंग के कत्लखानों से कुत्तों को मरने से बचाया

जानवर हमारे वस्त्र बनने के लिए नही हैं

जानवर हमारे मनोरंजन हेतु इस्तेमाल होने के लिए नही हैं

जानवर किसी भी अन्य तरह से हमारा दुर्व्यवहार सहने के लिए नही हैं

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