दिल्ली किड्स फैशन वीक एवं PETA इंडिया ने साथ मिलकर वीगन वस्त्रों को बढ़ावा दिया

Posted on by Krithika Pradeep

PETA इंडिया एवं दिल्ली किड्स फेशन वीक द्वारा मिलकर आयोजित किए गए फैशन शो में वीगन वस्त्रों को ही प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम की शुरुवात में “गाय” के भेष में PETA इंडिया के एक सदस्य हाथ में “मेरी रक्षा करो- चमड़े का त्याग करो” नामक स्लोगन बोर्ड पकड़कर रैम्प पर चलते हुए दर्शकों को चमड़ा मुक्त बनने का संदेश दिया तथा PETA इंडिया ने कार्यक्रम में आए समस्त दर्शकों एवं प्रतिभागियों को पशु अधिकारों से संबन्धित पाठ्यसामग्री, स्टीकर, रिस्टबैंड एवं गुब्बारे भी वितरित किए।

चमड़े के लिए मार दी जाने वाली गाय एवं भैंसो को भारी तादात में ट्रक में ठूस-ठूस कर भरा जाता है, व गंतव्य तक पहुँचने से पहले ही अनेकों जानवर परिवहन के दौरान हड्डियाँ टूटने से मर जाते हैं। ऊन प्राप्त करने के लिए भेड़ों को मारा पीटा जाता है, उनके शरीर पर ब्रांडिंग की जाती है, व ऊन कतरन के दौरान शरीर छलनी कर दिया जाता है। चमड़े के लिए मार दिये जाने वाले सभी जानवर आजीवन पिंजरो एवं कैदखानों में जीवन बिताते हैं, पिंजरों में तार की जाली पर रहकर व बर्बर तरीकों से होने वाली देखभाल की वजह से तनावग्रस्त होकर स्वयं को चोंच मारकर घायल कर लेते हैं। फर के लिए मारे जाने वाले पक्षियों का गला काटकर उन्हे सचेत अवस्था में ही मरने के लिए ड्रम में फेंक दिया जाता है। सिल्क के लिए इस्तेमाल होने वाले रेशम के कीड़ों को ककून के अंदर जिंदा ही उबाल दिया जाता है, ताकि मुलायम हो जाने पर कर्मी आसानी से रेशम प्राप्त कर सकें।

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