IIT बॉम्बे के छात्रों द्वारा कई बेसहारा जानवरों की जान बचाई गयी

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अधिकतर लोग मानते है कि टेक्नॉलॉजी ही हमारा भविष्य है लेकिन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे, के छात्रों द्वारा साबित कर दिया गया कि संवेदनशीलता  ही इस दुनिया के भविष्य को सुनिश्चित करने का एक मात्र ज़रिया है। इस संस्थान के चार छात्रों ने बेघर जानवरों की देखभाल करने का जिम्मा उठाया और समाज को यह संदेश दिया कि दयावान बनकर जीवन को बचाया जा सकता है।

IIT बॉम्बे के दयावान छात्रों का अनुभव उनके ही शब्दों में नीचे पढ़िये:

हर्षवर्धन निगम, उम्र- 22 वर्ष

harshwardhan iit student

“यह कहानी “पाब्लो” नामक कैम्पस में रहने वाले प्रसिद्ध कुत्ते के बारे में है। यह एक देसी प्रजाति का कुत्ता है और इसे पूरे हॉस्टल नंबर 9 द्वारा गोद लिया गया है। इसके साथ पूरे कैम्पस में एक राजा जैसा व्यवहार किया जाता है और यह सभी को बेहद प्रिय है। ‘पाब्लो’ ने हम सभी को बेहद अच्छी यादें दी हैं और IIT में रहकर पढ़ने केई दिनों को और भी सुंदर बना दिया है।“

श्रेया कुंदु, उम्र- 25 वर्ष

Shreya kundu iit student

“कल्लू मेरे पड़ोस का बेहद सक्रिय और स्वस्थ्य कुत्ता था लेकिन वह एक दिन किसी गाड़ी से टक्कर खाकर गंभीर रूप से चोटिल हो गया। इसे इतनी ख़राब स्थिति में सड़क पर अकेला पड़ा देख मेरा दिल पिघल गया और मैंने इसे अपने हाथों में उठाकर एक नया घर देने का निर्णय किया। इस दुर्घटना के कारण कल्लू का एक पैर टूट गया जिसके लिए एक बड़ा ऑपरेशन कराना पड़ा और इसके घावों को भरने में कई दिन लगे। आज कल्लू हमारे घर का बेहद महत्वपूर्ण और प्रिय सदस्य है।“

प्रथमेश मोकल, उम्र- 25 वर्ष

Prathamesh iit student

हमारे घर में 14 वर्षों तक एक साथी कुत्ता था और दो वर्ष पहले उसकी मृत्यु के बाद हमने अपने इलाके के 11 बेघर कुत्तों को गोद लेने का निर्णय किया। हमने उन्हें रोज़ खाना दिया, नियमित रूप से उनके बालों से कीड़े (टिक) निकाले, महीने में एक बार उन्हें स्नान कराया और उनकी हर पशुचिकित्सकीय ज़रूरत का बेहद ध्यान रखा। इसके लिए हमें अक्सर कई लोगों की निंदा का भी सामना करना पड़ा लेकिन हमने इस कार्य को निरंतर जारी रखा । मुझे पूरा विश्वास है कि हम मानव धर्म पूरी तरह से तभी निभा सकते है जब हम जानवरों के साथ एक निःस्वार्थ रिश्ता क़ायम करें।“

क्या आप भी यह कहानियाँ सुनकर प्रेरित महसूस कर रहे हैं? बेघर जानवरों को हमसे प्यार, इज्ज़त और सुरक्षा की ज़रूरत होती है। अगर आप किसी भी जानवर को दिक्कत या परेशानी का सामना करते देखते हैं तो अपने अंदर की संवेदनशीलता का परिचय दें और उनके लिए तुरंत कुछ करें! जानवरों को बचाने हेतु PETA इंडिया की मार्गदर्शिका पर एक नज़र डालें और अगर आप 20 साल से कम आयु के हैं तो ‘PETA यूथ’ कार्यक्रम का हिस्सा बनें।

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