मिलिंद सोमन, आलिया भट्ट का ब्रांड “Ed-a-Mamma” और सनी लियोन का ब्रांड “I Am Animal”, PETA इंडिया के वीगन फैशन अवार्ड्स 2021 के विजेताओं की सूची में शामिल

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8 November 2021

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मुंबई – देशभर के डिज़ाइनरों और रिटेलरों के पास क्रूरता-मुक्त वीगन कपड़ों एवं आभूषओं की मांग लगातार बढ़ रही है और इसी बीच विश्व वीगन माह (नवंबर) के उपलक्ष्य में पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ़ एनिमल्स (PETA) इंडिया ने वीगन फैशन अवार्ड्स 2021 का आयोजन कर सर्वश्रेष्ठ वीगन हस्तियों एवं ब्रांडों को पुरस्कृत किया है।

सभी विजेताओं की सूची इस प्रकार है:

  • सर्वश्रेष्ठ फैशन क्षण: Lakmé Fashion Week, Fashion Design Council of India और PETA इंडिया से पत्र मिलने के बाद 33 डिजाइनरों ने चमड़ा-मुक्त बनने की शपथ ली
  • सर्वश्रेष्ठ वीगन फैशन स्टाइल आइकान: अभिनेता और सुपरमॉडल मिलिंद सोमन ने अपने प्रशंसकों से जानवरों द्वारा उत्पादित कपड़ों एवं अन्य सामग्री का त्याग करने का अनुरोध किया एवं उन्होंने अपने Instagram पर लिखा, “चमड़ा, सिल्क और ऊन का त्याग करें। मनुष्यों की इच्छाओं हेतु पशुओं को दर्द देना पूरी तरह से गलत है और अगर आप सच में जानवरों की परवाह करते हैं, तो आपके पास विकल्प प्रस्तुत है।“
  • दयालु बिजनेस अवॉर्ड: Empyrean Luxury नामक लग्जरी फुटवियर ब्रांड ने पशु चमड़े का प्रयोग बंद करके वीगन विकल्प अपनाने का बिल्कुल सही निर्णय लिया।
  • सर्वश्रेष्ठ वीगन किड्सवियर ब्रांड: आलिया भट्ट का ब्रांड Ed-a-Mamma पशुओं एवं प्रकृति के प्रति बच्चों के प्यार को बढ़ावा देता है।
  • सर्वश्रेष्ठ वीगन ऐक्टिववेयर: कुणाल अवनति और सनी लियॉन का ब्रांड I Am Animal एक आकर्षक सोपर्ट्सवियर होने के साथ-साथ गर्व से वीगन है।
  • सर्वश्रेष्ठ वीगन ट्रैनर्स: रिसाईकल की गई प्लास्टिक बोतलों और प्लास्टिक बैगों से बनाए गए Thaely के ट्राइनर्स इस पृथ्वी और पशुओं हेतु पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं।
  • सर्वश्रेष्ठ वीगन बैग: Qisa by Lavie द्वारा भारत में निर्मित, 100% वीगन चमड़ा हैन्डबैग्स  आजकल के युवा पर्यावरण-हितैषी ग्राहकों के लिए बिल्कुल सही विकल्प हैं।
  • सर्वश्रेष्ठ वीगन पर्स: Zouk द्वारा हाथ से बनाए गए पारंपरिक भारतीय शैली के पर्स पूर्ण रूप से आधुनिक पशु-मुक्त वीगन सामग्री का प्रयोग करके बनाए जाते हैं।
  • महिलाओं हेतु सर्वश्रेष्ठ वीगन जूते: जूती और स्लाइडर्स से लेकर हील्स और बूट्स तक, Paio के वीगन सामग्री से बनाए गए जूते खास नाप लेकर हाथों से बनाए जाते हैं।
  • पुरुषों हेतु सर्वश्रेष्ठ वीगन जूते: Monkstory द्वारा पारंपरिक और अत्याधुनिक दोनों प्रकार के फुटवेयर वीगन चमड़े का प्रयोग करके बनाए जाते हैं।
  • सर्वश्रेष्ठ वीगन सिल्क: GBM Fabrics द्वारा निर्मित वीगन उत्पाद TENCEL Luxe, नामक नए फ़ाइबर का उपयोग करके बनाए जाते हैं जो अक्षय लकड़ी स्रोतों से मिलता है।
  • टेक्सटाइल में सर्वश्रेष्ठ इनोवेशन: Bioleather का टमाटर से बनाया गया चमड़ा नई सोच को परिभाषित करने के साथ-साथ बायोडिग्रेडेबल, टिकाऊ, और क्रूरता मुक्त भी है।
  • सर्वश्रेष्ठ विगन साड़ियाँ: Shubam Sarees द्वारा तमिलनाडु के आंतरिक गांवों से सुंदर वीगन कांजीवरम के विभिन्न विकल्पों को ग्राहकों हेतु प्रस्तुत किया जाता है।
  • सर्वश्रेष्ठ वीगन सौन्दर्य प्रसाधन: Plum के त्वचा की देखभाल करने वाले, मेकअप, बालों की देखभाल करने वाले, और अन्य उत्पाद जानवरों से प्राप्त सामग्री से मुक्त होते हैं और जानवरों पर कभी भी परीक्षण नहीं किए जाते हैं।

PETA इंडिया की सीनियर मीडिया एण्ड सेलिब्रिटी प्रोजेक्ट्स कोऑर्डनैटर मोनिका चोपड़ा के अनुसार, “PETA इंडिया द्वारा चुने गए सभी पुरस्कार विजेता यह साबित करते हैं कि भारतीय फैशन का भविष्य वीगन है। सिल्क-साड़ियों से लेकर चमड़ा-मुक्त बैग, पर्स और जूतों तक, आज पशुओं पर क्रूरता किए बिना फैशनेबल बनाना बहुत ही आसान हो गया है।“

PETA इंडिया और इसके सहयोगियों ने कई वीडियो प्रकाशित करके फ़ैशन उद्योग में जानवरों पर होने वाले अत्याचार का पर्दाफाश किया है जिसमें ऊन के लिए भेड़ों को पीटना व उनके शरीरिक अंगों को छिन्न-भिन्न करना; मोहेयर और कश्मीरी (ऊन) निकालने के दौरान भेड़ों के शरीर पर गहरे व खूनी घाव बना देना, चमड़े के लिए गायों को बिजली के करंट लगाना, मारना व जलाना; बतख और कलहंसों के पंखों को हाथ से नोंच कर उखाड़ना; विदेशी चमड़ा उद्योग द्वारा जिंदा मगरमच्छों के सिर में लोहे की रोड डालना; फर फार्मों में जानवरों को पीट कर, करंट देकर व दम घोंट कर उन्हें मौत के घाट उतार देना; और सिल्क के निर्माण के लिए जिंदा रेशम के कीड़ों को उबलते पानी में डाल देना शामिल हैं।

जानवरों के चमड़े से कपड़े बनाने के लिए बड़ी मात्रा में ऊर्जा व हानिकारक रसायनों का प्रयोग किया जाता है, जिससे पर्यावरण को गहरी क्षति पहुंचती है। साल 2017 में प्रकाशित रिपोर्ट “Pulse of the Fashion Industry” के अनुसार चमड़ा और सिल्क उद्योग सबसे ज़्यादा प्रदूषण फैलाने वाले फ़ैशन उद्योग हैं।

PETA इंडिया जो इस सिद्धांत में विश्वास रखता है कि “जानवर हमारे वस्त्र बनने के लिए नहीं है”, प्रजातिवाद का विरोध करता है। प्रजातिवाद एक ऐसी विचारधार है जिसमे इंसान स्वयं को इस दुनिया में सर्वोपरि मानकर अपने फायदे के लिए अन्य प्रजातियों का शोषण करना अपना अधिकार समझता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट  PETAIndia.com पर जाएँ और हमें TwitterFacebook व Instagram पर फॉलो करें।

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