PETA इंडिया के वर्ष 2022 के सर्वश्रेष्ट डेमो जिन्होंने लोगों को बड़े तौर पर प्रभावित किया

Posted on by Shreya Manocha

PETA इंडिया ने इस वर्ष भी अपने विभिन्न अभियानों के माध्यम से जनता को जागरूक करने का कार्य किया। इन सभी सनसनीखेज अभियानों के माध्यम से हमने जनता के बीच प्रजातिवाद की धारणा को समाप्त करने का प्रयास किया और पशु अधिकारों के हित में सकारात्मक विचारों का प्रचार-प्रसार किया।

PETA इंडिया की संस्थापक ने सूखे में मांस की विनाशकारी भूमिका को दर्शाने के लिए सार्वजनिक स्नान किया (30 नवम्बर 2022, मुंबई)

उनके शावर वाले पर्दे पर लिखा था – “1 चिकन मील = 30 शावर। दुनिया से सूखे की समस्या समाप्त करने के लिए वीगन बनें!” (यानि एक बार के मांसाहार पर 30 बार नहाने जितना पानी खर्च होता है)। इसी संदेश को जनता तक पहुँचने के उद्देश्य से PETA इंडिया की संस्थापक इंग्रिड न्यूकर्क ने हॉरनिमन सर्कल में स्नान करके पानी बचाने और जलवायु आपदा में योगदान ना देने हेतु लोगो को वीगन वीगन जीवनशैली के प्रति प्रेरित किया।

प्रयोगशालों में इस्तेमाल होने वाले जानवरों के लिए विश्व सप्ताह’ के उपलक्ष्य में उन जानवरों की पीड़ा को उजागर करती महिला का प्रदर्शन (21 अप्रैल 2022, पुणे)

प्रयोगशालों में प्रयोग होने वाले जानवरों के लिए विश्व दिवस’ एवं सप्ताह से ठीक पहले, (PETA) इंडिया की एक कार्यकर्ता इंडिया एवं विश्वभर की प्रयोगशालाओं में जानवरों के साथ किए जाने वाले दुर्व्यवहार और उन्हें मौत के घाट उतारे जाने के क्रूर तरीकों के विरोध में एक थिएटर-शैली के ग्राफिक वाले स्ट्रीट प्रदर्शन के माध्यम से इन जानवरों की पीड़ा को प्रदर्शित किया।

PETA इंडिया के समर्थकों ने हैलोवीन से पहले ‘Leather Is Dead’ का संदेश किया (27 अक्टूबर 2022, बेंगलुरु)

हैलोवीन से ठीक पहले, PETA इंडिया के तीन समर्थकों ने ग्रीम रिपर की वेशभूषा पहनकर बेंगलुरु के World War I memorial के सामने प्रदर्शन किया और जनता को चमड़े के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया। इन सभी प्रदर्शनकारियों ने चमड़े के जूते, बैग, बेल्ट और जैकेट को जंजीरों से घसीटा और ‘Leather Is Dead’ का प्रचार किया।

 

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विश्व मांस-मुक्त दिवस” से पहले एक इंसान को जलती आग पर भूनने का डेमो प्रदर्शन (13 जून 2022, चंडीगढ़)

“विश्व मांस-मुक्त दिवस” से पहले, चंडीगढ़ में PETA इंडिया के एक समर्थक ने प्रतिकात्मक ढंग से स्वयं को भूनकर दिखने का डेमो प्रदर्शन किया। उनके द्वारा आग पर भूनने का दृश्य दिखाते हुए यह संदेश दिया जाएगा कि सभी जानवर मांस, खून और हड्डी से बने होते हैं और यह सब भी इंसानों की तरह दर्द एवं अन्य भावनाओं का एहसास कर सकते हैं। साथ ही, जानवरों के मांस का सेवन करने का अर्थ है ऐसे संवेदनशील प्राणियों के मृत शरीरों को खाना जो अपना जीवन को महत्व देते हैं और इस कुत्ते की तरह महज़ किसी के भोजन के लिए मरना नहीं चाहते।

 

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मातृ दिवस पर प्रजातिवाद समाप्त करने का संदेश (5 मई 2022, हैदराबाद)

PETA इंडिया की कार्यकर्ता ने बेबी डोल्स से बना एक जाकेट पहनकर लोगों को चमड़े का त्याग करने हेतु प्रोत्साहित किया। इस अभियान के माध्यम से लोगों को प्रतीकात्मक रूप से समझाया गया कि जिस प्रकार से इन्सानों को उनकी चमड़ी के लिए मौत के घाट उतारना गलत है उसी प्रकार से पशुओं के साथ भी ऐसा क्रूर व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए।

 

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सभी सजीव प्राणियों को सम्मानपूर्वक जीवन जीने का पूरा हक़ है। जानवर हमारे परीक्षण करने, भोजन बनने, वस्त्र बनने, मनोरंजन हेतु इस्तेमाल होने या किसी भी अन्य तरह से दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं हैं।

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