यूरोपीए संसद ने पशुओं पर होने वाले परीक्षणों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने का संकल्प लिया। PETA इंडिया ने प्रधानमंत्री श्री मोदी जी से भी ऐसे कदम उठाने का आग्रह किया

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युरपीय संसद द्वारा पशुओं पर होने वाले परीक्षणों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने का प्रस्ताव पारित करने के बाद, पीपल फॉर द एथिकल  ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को एक पत्र भेजकर अनुरोध किया है कि वह भारत में भी इसी के समान एक कार्य योजना तैयार करें। भेजे गए पत्र के साथ PETA समूह ने अपनी ‘रिसर्च मोडर्नाईजेशन डील’ भी भेजी है जो एक ऐसा दस्तावेज़ है जो कि मनुष्यों के उपचार और इलाज के लिए जानवरों पर किए गए अध्ययन की विफलता को रेखांखित करता है और जानवरों के इस्तेमाल को समाप्त करने के लिए एक व्यापक रणनीति प्रदान करता है- यूरोपीय संसद में उपरोक्त प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित होने से पहले ठीक ऐसा ही दस्तावेज़ एवं प्रस्ताव PETA संस्था ने वहाँ नेताओं को प्रस्तुत किया था।

PETA इंडिया यह संज्ञान लेता है कि प्रतिवर्ष प्रयोगों के दौरान कई बंदरों, कुत्तों, चूहों व अन्य जानवरों को प्रयोगशालाओं में अंधा कर दिया जाता है, जला दिया जाता है, खुले वातावरण में उनके अंग विच्छेदित कर दिये जाते है, उनको जहर दिया जाता है और अनेकों नशीले पदार्थ खिलाये जाते हैं। यह सभी परीक्षण ना केवल क्रूर हैं बल्कि इंसान एवं जानवरों की शारीरिक बनावट अलग होने के कारण इन परीक्षणों के परिणाम मनुष्यों के लिए अनुपयुक्त भी हैं। जानवरों पर परीक्षण करने के विपरीत परीक्षण की आधुनिक तकनीकें जैसे ‘इन विट्रो’ और ‘सिलिकों’ ज्यादा विश्वसनीय हैं, मानव के संबंध में अधिक प्रभावी परिणाम बताती हैं और जानवरों पर परीक्षण करने के मुक़ाबले अधिक किफ़ायती भी हैं।

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