PETA इंडिया के प्रयासों के चलते Quikr ने जानवरों की बिक्री पर रोक लगाई

Posted on by PETA

PETA इंडिया द्वारा बनाए गए दबाव के बाद, ई- रिटेलर Quikr ने भी OLX इंडिया की तरह जानवरों की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगा दी है, लेकिन इस साइट को पूर्ण रूप से जानवरों के लिए हितकारी बनाने हेतु अब भी कई और प्रयास किए जाने बाकी हैं। Quikr ने अपना तथाकथित “जानवर गोद लेने” वाला खंड बंद कर दिया है जिसमें बकरियों, मुर्गियों, और अन्य जानवरों को गोद देने की आड़ में विज्ञापन दाताओं द्वारा खरीद फ़रोक्त का काम किया जा रहा था। कंपनी ने कुत्तों के ब्रीडरों द्वारा डाले गए उन हज़ारों अन्य विज्ञापनों को भी हटा दिया जो जानवरों की बिक्री और गोद लेने वाले खंड के बंद हो जाने के बाद बहुत ही शातिर ढंग से अन्य वैध उत्पादों या सेवाओं की आड़ में प्रकाशित किए गए थे। PETA इंडिया ने Quikr से अनुरोध किया है कि वह इस प्रकार के अवैध विज्ञापनों पर लगाई गई रोक का आगे भी सख्ती से पालन करे।

Quikr ने यह कदम PETA इंडिया के “पर्सन ऑफ द इयर” और लंबे समय से समर्थक रहे जॉन अब्राहम द्वारा कंपनी को लिखे गए पत्र और PETA इंडिया की राज्य जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड, पशुपालन विभागों, इलेक्‍ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MoEIT), वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय और भारतीय जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड (AWBI) को जानवरों के इस अवैध और क्रूर ऑनलाइन उद्योग के खिलाफ़ संज्ञान लेने हेतु की गई विभिन्न अपीलों के बाद उठाया है।

इन अपीलों के जवाब में AWBI ने MoEIT को बताया था कि अगर कोई ऑनलाइन ई-उद्योग राज्य जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड के पास “पालतू जानवरों की दुकान” के रूप में पंजीकृत नहीं है, तो उसके द्वारा जिंदा जानवरों का व्यापार अवैध है। इसी संदर्भ में कर्नाटक जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड द्वारा Quikr को राज्य से सारे जिंदा जानवरों के विज्ञापनों को हटाने का आदेश ज़ारी हुआ था। इस दौरान गोवा पशुपालन एवं पशु चिकित्सा निदेशालय ने सूचना एवं प्रचार विभाग के निदेशक को एक पत्र जारी किया था जिसमें कहा गया था कि पालतू जानवरों की दुकानों और कुत्तों के ब्रीडरों को किसी भी “पालतू जानवर” के लिए समाचार पत्रों, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या सोशल मीडिया में कोई भी विज्ञापन प्रकाशित करने से पहले, संबंधित नियमों के तहत पंजीकृत होना अनिवार्य है। गोवा पशुपालन एवं पशु चिकित्सा निदेशालय ने भी Quikr और OLX को एक पत्र ज़ारी करके निर्देशित किया कि वह राज्य में अपनी वेबसाइट से जानवरों के उद्योग संबंधित सभी विज्ञापन हटा लें।

पशु क्रूरता रोकथाम (पालतू जानवर की दुकान) नियम, 2018 और पशु क्रूरता रोकथाम (कुत्ता प्रजनन और बिक्री) अधिनियम, 2017 के तहत प्रत्येक पालतू जानवर की दुकान और कुत्ते के प्रजनन उद्योग का पंजीकृत होना और निर्धारित नियमों का पालन करना अनिवार्य है। Quikr ने कभी ऐसा कोई पंजीकरण नहीं कराया और न ही अपने प्रयोगकर्ताओं के पंजीकरण की जांच करी।

जानवरों के सीधे उद्योग को समाप्त करने के बाद Quikr ने “गोद लेने” की पेशकश करने का दावा किया जबकि ज़्यादातर विज्ञापन कुत्तों के ब्रीडर्स द्वारा उनके बिक्री हेतु प्रकाशित किए गए थे। PETA इंडिया द्वारा सूचित किया गया कि गोद लेने की सही प्रक्रिया को केवल प्रतिष्ठित और पंजीकृत पशु संरक्षण NGO के साथ काम करके ही पूरा किया जा सकता है। ऐसे NGO सुनिश्चित करते है कि गोद लेने वाले, जानवरों को आजीवन संरक्षण देने के लिए तैयार हैं या नहीं, क्योंकि कई घरेलू जानवरों को दुकानों, ब्रीडर्स या Quikr जैसी वेबसाइटों के माध्यम से गैर जिम्मेदारना तरीकों से खरीद कर उन्हें बाद मे लावारिस छोड़ दिया जाता  है। इसके अलावा, Quikr पर “मुफ्त गोद लेने” के लिए डाले गए जानवरों में बकरियां (जिनका विज्ञापन ठीक ईद से पहले डाला जाता था) एवं मुर्गे भी शामिल थें – जिन्हें जानवरों की अवैध लड़ाई या उनके मांस हेतु मारने के लिए खरीदा जा सकता है – और इनके विज्ञापन डालने वाले व्यापारी विज्ञापन पर कीमत “मुफ़्त” लिखते थे लेकिन संपर्क किए जाने पर कीमत की मांग करते थे।

PETA इंडिया समर्थकों ने PETA इंडिया की वेबसाइट पर एक्शन अलर्ट के माध्यम से जानवरों के व्यापार को रोकने के लिए Quikr से आग्रह किया था, और जनता के कई अन्य संबंधित सदस्यों ने कंपनी से #BanOnlinePetSales अभियानों और एक याचिका के माध्यम से जानवरों में भी व्यापार रोकने का आग्रह भी किया। PETA इंडिया ने उन सभी को धन्यवाद देता है जिन्होंने इस महत्वपूर्ण अभियान में भाग लिया और इसे एक बेहतरीन अंजाम तक पहुंचनेमें हमारी मदद की। यह उपलब्धि हमारे समर्थकों व सदस्यों के समर्थन के बिना संभव नहीं होती। कृपया हमारे काम का समर्थन करें ताकि हम जानवरों के जीवन में निरंतर सार्थक परिवर्तन लाते रहें।

डोनेट करें