PETA इंडिया और अहमदाबाद पुलिस ने मकर संक्रांति पर सराहनीय कार्य किया
पतंग उड़ाने की अवैध डोर जिन्हें आमतौर पर मांझा के नाम से जाना जाता है, के अभिशाप को समाप्त करने के लिए अहमदाबाद पुलिस द्वारा की गई कड़ी मेहनत की सराहना करते हुए PETA इंडिया ने एक भोजन वितरण अभियान का आयोजन किया, जिसमें मकर संक्रांति पर 20 से अधिक पुलिसकर्मियों को वीगन भोजन खिलाया गया।
PETA इंडिया ने पुलिस के साथ मिलकर छापेमारी करते हुए 36,000 रुपये से अधिक मूल्य के 180 से अधिक अवैध मांजा के चरखियाँ जब्त की । स्थानीय समूहों की मदद से, PETA इंडिया ने गुजरात में 60 से अधिक घायल पक्षियों के बचाव में भी मदद की। इन घायल पक्षियों में कबूतर, कौवे, काईट और उल्लू थे।
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मांझा किसी भी प्रकार का ही क्यूँ न हो, यह खतरनाक डोर मनुष्यों, पक्षियों और पर्यावरण को खतरे में डालती है। नायलॉन के डोर और अन्य लेप चड़े यह डोर जिन्हें अक्सर ग्लास पाउडर और धातु से लेपित किया जाता है, खतरनाक होते हैं। ये तीखे धागे मनुष्यों और पक्षियों को बेरहमी से घायल करने और यहां तक कि मारने के लिए जिम्मेदार हैं, पतंगबाजी का सीजन समाप्त होने के बाद भी यह पेड़ों, इमारतों, इजली के खंबों में उलझे रहते हैं और वहाँ से गुजरने वाले पक्षियों के लिए मौत का सबब बनते हैं।
जनवरी 2022 में, गुजरात में उत्तरायण के दौरान पतंगबाजी की दुर्घटनाओं में 450 से अधिक लोग घायल हुए। और पिछले कुछ हफ़्तों में माँझे की चपेट में आने से नागपुर में 11 साल का बच्चा, भावनगर में 2 साल का बच्चा, भिवंडी में 47 साल का व्यक्ति, पुणे में 45 साल का आदमी मौत का शिकार बना इसके अलावा नडियाद में एक 35 वर्षीय व्यक्ति, वडोदरा में 30 वर्षीय व्यक्ति, सूरत में 52 वर्षीय व्यक्ति और मेहसाणा में 3 वर्षीय बच्चा भी माँझे के कारण मारा गया।
गुजरात में मुख्य वन संरक्षक के अनुसार, 1 जनवरी 2022 से 6 जून 2022 के बीच 1000 से अधिक पक्षियों की मौत हुई जबकि 13,000 से अधिक घायल हुए। इस साल के पहले हफ्ते में ही गुजरात में प्रवासी पक्षियों सहित करीब 500 पक्षी घायल हो गए थे।
इसी तरह, अगस्त 2022 में PETA इंडिया से शिकायत मिलने के बाद कि दिल्ली के बाजारों में खतरनाक और अवैध मांझा बेचा जा रहा है, PETA इंडिया ने दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर दिल्ली के लाल कुआं बाजार में छापा मारा और 50 से अधिक अवैध माँझे की चरखियाँ जब्त की।
आप पक्षियों को बचाने में मदद कर सकते हैं!
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