स्वतन्त्रता दिवस से ठीक पहले दिल्ली पुलिस एवं PETA इंडिया ने प्रतिबंधित माँझा जब्त किया

Posted on by Sudhakarrao Karnal

PETA इंडिया द्वारा दिल्ली पुलिस में शिकायत की गयी कि दिल्ली के बाजार में गैरकानूनी माँझे की खुलेआम बिक्री की जा रही है, इस शिकायत पर कार्यवाही करते हुए दिल्ली पुलिस ने लालकुंवा बाज़ार में अवैध माँझे की बिक्री कर रही अनेकों दुकानों पर अचानक छापा मार कर जानलेवा माँझे की 50 से अधिक चरखियाँ जब्त कर ली । मौके पर गैर कानूनी माँझे की बिक्री कर रहे दुकानदारों के खिलाफ ‘पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986” के सेक्शन 5 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस तरह के अवैध घातक माँझे की बिक्री दिल्ली सरकार द्वारा दिनांक 10 जनवरी 2017 के सरकारी आदेश की अवहेलना है जिसमे राज्य सरकार ने दिल्ली के सभी इलाकों में सभी तरह के मांझो के निर्माण, बिक्री, भंडारण, आपूर्ति, आयात, बिक्री एवं इसके इस्तेमाल को पूर्णतया प्रतिबंधित किया है। सरकारी अधिसूचना के अनुसार पतंगबाजी हेतु केवल सूती धागे के इस्तेमाल करने की अनुमति है जिसमे किसी भी प्रकार के काँच या अन्य सामग्री का लेप नहीं चड़ा होना चाहिए।

अगस्त 2021 में, PETA इंडिया की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने दक्षिण दिल्ली के बाज़ारों में छापेमारी कर सैंकड़ों की संख्या में घातक व जानलेवा माँझे की चरखियाँ जब्त की थी व वर्ष 2021 में में भी चाँद मोहल्ला बाज़ार से 100 किलो से अधिका माँझा जब्त किया था। इसी तरह वर्ष 2019 में भी दिल्ली के सादर बाज़ार, उत्तरी दिल्ली के बड़ा हिन्दू राव तथा पूर्वी दिल्ली के मधु विहार इलाके में माँझा जब्त करने हेतु छापेमारी कर गैरकानूनी तरीकों से बिक्री करने वाले बहुत से दोषियों के खिलाफ ‘पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986” के सेक्शन 5 के तहत केस दर्ज करवाया था। इस धारा के तहत 5 वर्ष तक की जेल या 1 लाख रुपये जुर्माना अथवा दोनों सज़ा का प्रावधान है।

काँच पाउडर, मेटल एवं अन्य तीखे लेप चड़ा घातक माँझा इन्सानों, पक्षियों, अन्य जानवरों एवं पर्यावरण के लिए खतरनाक है इसकी चपेट में आने से हर साल अनेकों इन्सान चोटिल होते हैं व मौत का शिकार भी होते हैं। इसी सप्ताह जमेटो के एक डेलीवेरी बॉय की चलती मोटर साईकिल के टायर में माँझा उलझ जाने से गिर कर सामने से आने वाले यातायात से चोटिल होने से उसकी मौत हो गयी थी। इस साल की शुरुआत में मुंह के सामने शीशा लगा हेलमेट और हाथ के दस्ताने पहने हुए एक मोटर साईकल चालक भी माँझे के चपेट में आ गया बुरी तरह से जख्मी होने से नहीं बच सका क्यूंकी तीखे माँझे ने उसके हेलमेट का शीशा तक काट दिया था। इस वर्ष एक अन्य युवक की तीखे काँच के लेप चड़े माँझे से गर्दन कटने से बुरी तरह घायल हो गया था। कार की सनरूफ से बाहर झाँकने पर एक सात वर्ष के बच्चे की गर्दन खुले माँझे में फसने से उसकी गर्दन एवं आँखों पर गंभीर छोटे आई। इस घातक माँझे का पक्षियों की आबादी पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है। माँझे की चपेट में आने से अक्सर पक्षियों के पंख व  पैर कट जाते हैं, व वह अक्सर ऐसे गंभीर घावों एवं जख्मों के शिकार होते हैं की बचावकर्ता भी उनकी मदद नहीं कर पाते।

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