महाराष्ट्र राज्य भी नर चूजों की क्रूर हत्याओं को रोकने के लिए ओवो सेक्सिंग तकनीक को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध राज्यों की सूची में शामिल

Posted on by Erika Goyal

नर चूजे अंडे नहीं दे सकते इसलिए पोलट्री फार्म्स पर इन अवांछित नर चूजों को दर्दनाक तरीकों से मौत के घाट उतार दिये जाने की प्रथा के संबंध में PETA इंडिया की अपील के बाद पशुपालन आयुक्तालय ने महाराष्ट्र ज़िला पशुपालन आयुक्तों एवं ज़िला पशु क्रूरता निवारण सोसाइटी को नर चूजों की अवैध हत्याओं को रोकने के लिए तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश जारी किए हैं। इसमे नर चूजों की हत्याओं को रोकने हेतु “ओवो लिंग निर्धारण तकनीक” जो जब भी भारत में उपलब्ध हो को अपनाने हेतु निर्देशित किया गया है। यह तकनीक अंडों में चूजों के विकास के प्रारम्भिक चरण यानि भ्रूण में ही लिंग की जांच करने मे सहायक होती है ताकि जीवित चूजों को दर्दनाक मौते मारने की बजाय अनचाहे चूजों को भ्रूण में ही नष्ट कर दिया जा सके। कृषि मंत्रालय, पशु पालन विभाग, डेयरी और मतस्य पालन विभाग, महाराष्ट्र से निर्देश मिलने के उपरांत यह सर्कुलर जारी किया गया है।

आयुक्तालय ने यह भी सलाह दी है कि इस दौरान अनचाहे चूजों को विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन द्वारा बताए गए तरीकों के अनुसार संभाला जाना चाहिए। वर्तमान में मांस एवं अंडा उद्योग द्वारा अनचाहे चूजों को कुचल कर, पीसकर, जलाकर, पानी में डुबोकर, मछलियों का चारा बनाने जैसे क्रूर तरीकों से मारा जाता है।

PETA इंडिया ने अपनी अपील में कहा है कि अनचाहे चूजों को मारने के सामान्य क्रूर तरीके पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 11(1)(I) का उल्लंघन करते हैं। इसलिए पोल्ट्री हेचरीस तथा सरकार की ज़िम्मेदारी है कि वह यह सुनिश्चित करे कि अंडा उद्योग में लिंग निर्धारण वाली ओवो तकनीक इस्तेमाल हो। इस तकनीक को विदेशों में ईज़ाद किया गया है और यह वहाँ इस्तेमाल में है।

PETA इंडिया के निवेदन पर असम, बिहार, छत्तीसगढ़, और गोवा के पशुपालन विभागों ने यह तय किया है कि जब भी ओवो तकनीक भारत में उपलब्ध होगी वह अपने अपने राज्यों में इसको लागू करेंगे। आन्ध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, जम्मू, केरलामध्य प्रदेश,    महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तराखंड, एवं उत्तर प्रदेश ने चूजों को मौत के घाट उतारने वाले क्रूर तरीकों को समाप्त करने के निर्देश जारी किए हैं। इस वर्ष की शुरुवात में पशु क्रूरता निवारण (अंदे देने वाली मुर्गियाँ) नियम, 2023 जिसके लिए विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार अनचाहे नर चूजों की इच्छामृत्यु की स्वीकृती है, को अधिसूचित किया गया था। हालांकि, मुर्गी पालन केन्द्रों को वर्ष 2029 तक इसके न्यूनतम प्रावधान आवश्यकताओं को पूरा करना जरूरी नही है।

दुनिया भर के देश अंडा उद्योगो पर नर चूजों को क्रूर तरीकों से मारने पर प्रतिबंध लगाने की कार्यवाही कर रहे हैं। ऑस्ट्रिया, फ्रांस, जर्मनी, इटली और लक्ज़मबर्ग अलग अलग समय सीमाओं के साथ देश में नर चूजों की हत्याओं पर रोक लगा रहे हैं। और यूरोपीय संघ के नौ देश इस प्रथा पर पूरे यूरोप में प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं।

नर चूजों को मारने की क्रूर प्रथा को समाप्त कराने में हमारी सहायता करें