विजयवाड़ा पुलिस ने अवैध गधा मांस विक्रेताओं पर छापा मारा, तीन एफआईआर दर्ज कीं और पांच लोगों पर मामला दर्ज किया

Posted on by Erika Goyal

PETA इंडिया और एनिमल रेस्क्यू ऑर्गनाइजेशन की शिकायतों के बाद, विजयवाड़ा पुलिस ने एनटीआर जिले में तीन छापे मारे, जिसमें 30 किलोग्राम से अधिक गधे का मांस जब्त किया गया। PETA इंडिया के अशर मीत और एनिमल रेस्क्यू ऑर्गेनाइजेशन के ईश्वरी पसुमर्ती और गोपाल सुरबाथुला ने एनटीआर पुलिस आयुक्तालय के अधिकारियों के साथ काम करते हुए प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करायी और पुलिस के सहयोग से कार्रवाई सुनिश्चित की।

भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860 और पशु क्रूरता निवारण (पीसीए) अधिनियम, 1960 के विभिन्न प्रावधानों के तहत कृष्णा लंका, सत्यनारायणपुरम और पटामाता पुलिस स्टेशनों द्वारा एफआईआर दर्ज की गई थी। कुल पांच गधे के मांस विक्रेताओं पर मामला दर्ज किया गया था। आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद नगर निगम अधिकारियों ने जब्त मांस को नष्ट कर दिया। PETA इंडिया की पिछली कार्रवाई के परिणामस्वरूप आंध्र प्रदेश में व्यापार से 78 गधों को बचाया गया और 1000 किलोग्राम से अधिक मांस जब्त किया गया और नष्ट कर दिया गया।

भारत में गधों को मारना और उनका मांस खाना कई कानूनों का उल्लंघन है। गधों के हत्या आईपीसी, 1860 की धारा 429 का उल्लंघन है और इसके लिए पांच साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है। पीसीए अधिनियम, 1960 की धारा 11(1)(ए) और (एल) के तहत गधों को मारना भी अपराध है। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत गधे के मांस का सेवन अवैध है, और पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण (वधगृह) नियम, 2001 के तहत सार्वजनिक स्थानों पर जानवरों का वध करना प्रतिबंधित है।

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