PETA इंडिया ने राज्यों से अनुरोध किया है कि लॉकडाउन में राहत के साथ ही पशु बिक्री करने वाली गैर पंजीकृत दुकानों पर रोक लगाई जाए व OLX तथा Quikr को भी इस श्रेणी में गिना जाए

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29 May 2020

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PETA समूह इंगित करता है कि अधिकांश पशु बिक्री की दुकानें एवं डॉग ब्रीडर्स धड़ल्ले से कानून का उलंघन करते हैं।

मुंबई-  जैसा कि अब देश में लॉकडाउन में कुछ राहत दी जा रही है, पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया ने भारत के सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि पशु बिक्री करने वाली दुकानें एवं डॉग ब्रीडर्स अगर भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड के साथ पंजीकृत नहीं हैं तो उन्हें बंद करवाया जाए और OLX तथा Quikr वेबसाईट को भी इस गिनती में रखा जाए क्यूंकि इनके पोर्टल्स पर जीवित पशुओं की बिक्री की जाती है। इन दोनों ऑनलाइन पोर्टल्स के पंजीकृत कार्यालय हरियाणा एवं कर्नाटक में हैं।

हाल ही में, केंद्र सरकार की संस्था ‘भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड’ द्वारा जारी की गयी एक अधिसूचना में यह कहा गया था कि पशु बिक्री करने वाली दुकानें अगर “पशु क्रूरता निवारण (पशु बिक्री दुकान) नियम 2018” के तहत पंजीकृत नहीं है तथा वह डॉग ब्रीडर्स जो “पशु क्रूरता निवारण (डॉग ब्रीडर्स एवं मार्केटिंग) नियम 2017” के तहत पंजीकृत नहीं है, उनको व्यापार करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इस अधिसूचना पर कार्यवाही करते हुए आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, जम्मू एवं कश्मीर, मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र सरकारों ने एक आदेश जारी कर सुनिश्चित किया है कि गैर कानूनी पशु बिक्री की दुकानें एवं डॉग ब्रीडर्स को लॉकडाउन के बाद नहीं खुलने दिया जाएगा। हालांकि इस आदेश में ऑनलाइन व्यापार करने वाली वेबसाइट जैसे OLX एवं Quikr को शामिल नहीं किया गया था तथा बहुत से राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अभी भी ‘भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड’ द्वारा जारी अधिसूचना पर कार्यवाही करना बाकी है।

PETA इंडिया की कार्पोरेट लायजन अधिकारी मल्लिका रॉय कहती हैं- “गैर पंजीकृत पशु बिक्री की दुकाने भले ही बंद हैं लेकिन ब्रीडर्स एवं पशुओं की बिक्री करने वाले लोग कुत्तों, बिल्लियों व अन्य पशुओं की ऑनलाइन तरीकों से बिक्री करना जारी रखेंगे। PETA इंडिस समस्त राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध करता है कि वो OLX तथा Quikr द्वारा पशुओं की बिक्री करने पर रोक लगाएं क्यूंकि यह दोनों ऑनलाइन साईट्स भारत में पशुओं की बिक्री करने हेतु AWBI के साथ पंजीकृत नहीं हैं।“

अपने पत्र में, PETA इंडिया द्वारा सूचना के अधिकार के द्वारा समस्त राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से मिली उन प्रतिक्रियाओं का हवाला दिया है जिसमे समस्त राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने पुष्टि की है कि उनके राज्यों में चल रही अधिकांश पशु बिक्री की दुकानें, डॉग ब्रीडर्स तथा पशु बिक्री करने वाले ऑनलाइन पोर्टल्स कानूनन पंजीकृत नहीं है जबकि इस व्यापार हेतु उनका पंजीकृत होना आवश्यक है।

पशु बिक्री की दुकानें एवं डॉग ब्रीडर्स जानवरों के साथ क्रूरता एवं दुर्व्यवहार करने के लिए जाने जाते हैं व उनमें से अधिकतर पूरी तरह से गैरकानूनी तरीकों से व्यापार करते हैं। डॉग ब्रीडर अक्सर कुत्तों के कान एवं पूंछ की छटाई कर देते हैं व ग्राहकों की मांग के अनुसार अप्रकर्ति तरीकों से कुत्तों की नस्ल तैयार करते हैं जैसा चपटा चेहरा व अन्य विशेषताएँ और इन सबके चलते ब्रीड किए गए पशुओं को अनेकों स्वास्थ्य समस्याएँ होती हैं। इसके अलावा पशु बिक्री दुकानों में पशुओं को बेहद बुरी स्थितियों में रखा जाता है व बीमार हालात में ही पशुओं को जनता को बेच दिया जाता है।

जब भी कोई व्यक्ति इन पशु बिक्री दुकानों से या किसी ब्रीडर से पशु को खरीदता है तो सड़क पर बेघर घूमने वाले किसी एक सामुदायिक पशु को या शेल्टर में रहने वाले किसी पशु को उसका घर मिलने का अवसर समाप्त हो जाता है। PETA इंडिया जिसका एक सिद्धांत यह भी है कि “जानवर किसी भी तरह से हमारा दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं हैं”, सभी से अनुरोध करते हैं कि बेघर पशुओं की बढ़ती जनसंख्या के संकट से निपटने के लिए बेघर पशुओं को गोद लें व अपने घरेलू पशु की नसबंधी अवश्य करवाएँ।

PETA इंडिया प्रजातिवाद का विरोध करता है क्यूंकि यह मनुष्य की वर्चस्ववादी सोच का परिचायक है। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com पर जाएँ।

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operating in the country aren’t registered as required by law.

Pet shops and dog breeders are notorious for their mistreatment of animals, and most have been operating wholly unregulated so far. Dog breeders often subject animals to illegal ear and tail mutilations and breed them for certain aesthetic standards, such as slanted hindquarters, flattened faces, and other characteristics that cause them to develop severe health problems. Meanwhile, pet shops routinely keep animals in deplorable conditions and sell sick animals to unsuspecting members of the public.

Every time someone buys a dog or a cat from a pet shop or a breeder, a homeless animal waiting in a shelter or roaming the streets loses a chance at finding a home. PETA India – whose motto reads, in part, that “animals are not ours to abuse in any way” – urges everyone to combat the homeless dog and cat overpopulation crisis at its root through adoption and by getting their animal companions sterilised.

PETA India opposes speciesism, a human-supremacist worldview. For more information, please visit PETAIndia.com.

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