PETA इंडिया के सदस्य जैविक सुरक्षा सूट (BIOHAZARD SUITS) पहनकर चमड़ा उद्योग से प्रदूषित हो रही गंगा के बचाव हेतु प्रदर्शन करेंगे

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28 November 2019

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PETA समूह, इस राष्ट्रीय प्रदूषण निवारण दिवस पर लोगों से चमड़ा मुक्त जीवनशैली अपनाने का अनुरोध करेगा।

वाराणसी : पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया के सदस्य ‘राष्ट्रीय प्रदूषण निवारण दिवस (2 दिसम्बर)’ से पहले शुक्रवार को जैविक सुरक्षा सूट पहनकर व हाथों में “गंगा को प्रदूषण से बचाओ- चमड़े का त्याग करो” नामक संदेश लिखे बोर्ड पकड़कर चमड़ा उद्योग द्वारा फैलाये जा रहे विषैले प्रदूषण के खिलाफ वाराणसी में प्रदर्शन करेंगे। भारत सहित दुनियाभर में गंगा व अन्य जलस्रोतों को प्रदूषित करने में चमड़ा उद्योग से निकलने वाले विषैले रसायनों का बड़ा योगदान हैं।

समय : शुक्रवार, 29 दिसम्बर, दोपहर 12 बजे

स्थान : भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य ब्रांच के बाहर, कचहरी रोड, (बनारस क्लब के सामने), वाराणसी 221 002

PETA इंडिया की कैम्पेन कोर्डिनेटर राधिका सूर्यवंशी कहती हैं : “चमड़ा ना सिर्फ पशुओं की दर्दनाक मौत का जिम्मेदार है बल्कि चमड़ा केन्द्रों से निकलने वाला जहरीला गंदा पानी हमारी पवित्र गंगा नदी सहित अनेकों अन्य नदियों को भी दूषित करता है। हम चमड़े का त्याग कर बिना चमड़े से बने जूते, कपड़े व अन्य सामग्री का चुनाव कर इस दुनिया को दयालु एवं स्वच्छ जगह बना सकते हैं।“

गंगा नदी पर बसे कानपुर शहर व उसके आसपास के क्षेत्र में 400 से अधिक चमड़ा बनाने के कारखाने है जिनसे carcinogenic chromium सहित निकलने वाले अनेकों जहरीले रसायन, गंदे पानी के निकास के रूप में सीधे गंगा के पानी में जाकर मिलते हैं। तमिलनाडु के दो ज़िलो में चमड़ा कारखानों ने 36000 किसानों की उपजाऊ भूमि को बर्बाद कर दिया है। इन कारखानों से निकलने वाले जहरीले रसायनों से मनुष्यों में कैंसर, श्वसन संक्रमण व अन्य बीमारियाँ होती हैं। इसके अलावा यह उद्योग पशुओं के लिए मौत का सबब है। जैसे की PETA इंडिया का एक सिद्धांत है कि “जानवर हमारे वस्त्र बनने के लिए नहीं हैं”, चमड़े के लिए मारे जाने वाले जानवरों को परिवहन के दौरान अत्यधिक संख्या में गाड़ियों में ठूस ठूस कर भरा जाता हैं व कत्लखानों तक पहुँचने से पहले ही अनेकों जानवर घायल व चोटिल हो जाते हैं। सचेत अवस्था में होने के बावजूद कत्लखानों में बड़ी बेदर्दी से उनका गला काट दिया जाता है।

PETA इंडिया प्रजातिवाद का विरोध करता है क्यूंकि यह मनुष्य के खुद को वर्चस्ववादी मानने का प्रतीक है। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com. पर जाएँ।

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