करतब दिखाने हेतु जानवरों को गैरकानूनी तरीकों से इस्तेमाल करने पर “द ग्रेट भारत सर्कस” के खिलाफ FIR दर्ज

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3 November 2019

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PETA इंडिया एवं एनिमल वेल्फेयर बोर्ड के प्रतिनिधि से मिली शिकायत पर मुंबई पुलिस की कार्यवाही

मुंबई : कल, PETA इंडिया तथा भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड के प्रतिनिधि ज़िला पशु कल्याण अधिकारी श्री सुनीश सुब्रमण्यन की तरफ से नवी मुंबई स्थित कमोठे पुलिस स्टेशन में द ग्रेट भारत सर्कस के खिलाफ एक FIR दर्ज कराई गयी है जिसमे सर्कस द्वारा करतब दिखान एके लिए गैरकानूनी तरीकों से पशुओं का इस्तेमाल किया जा रहा है।

भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 188 के तहत FIR दर्ज सरकार का उलंघन करने के लिए दर्ज कारवाई गयी है। जिन धाराओं को इस FIR में आधार बनाया गया है उसमे “प्रीवेंशन ऑफ क्रूएलिटी टू एनिमल्स (पीसीए) एक्ट, 1960की धारा 22 और 26 जो यह कहती है की AWBI के साथ पंजीकरण किए बिना प्रदर्शन के लिए जानवरों का उपयोग करना दंडनीय है तथा प्रीवेंशन ऑफ क्रूएलिटी टू एनिमल्स (पीसीए) एक्ट, 1960 की 11 (1) (A) में जानवरों पर क्रूरता भरा व्यवहार करने, जिसमें उनकी पिटाई भी शामिल है; और धारा 11 (1) (B) उन बीमार जानवरों का उपयोग करना जिनके पैरों में घाव थे, के उलंघन को शामिल किया गया है।

 PETA इंडिया एसोसिएट डायरेक्टर ऑफ पॉलिसी, निकुंज शर्मा कहते हैं, “पिछले कुछ वर्षों में सर्कसों पर की गयी हमारी अलग अलग जाँचों से पता चलता है कि सर्कस के कारोबार में जानवरों पर क्रूरता करना सामान्य बात है इसलिए कई अन्य देशों ने सर्कस में जानवरों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। भारतीय सर्कसों में जानवरों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव लाया गया था और यह सही समय है की इसे तत्काल लागू किया जाए इसमे थोड़ी भी देरी का मतलब कुत्तों, घोड़ों, ऊंटों, बकरियों, पक्षियों, हाथियों और अन्य जानवरों के साथ दुर्व्यवहार जारी रहेगा। इसके साथ ही PETA इंडिया सामान्य जनता से अनुरोध करता है की पशुओं का इस्तेमाल कर रही सर्कस को देखने ना जाएं, क्योंकि यह सर्कस मनोरंजन के नाम पर पैसे कमाने के लिए जानवरों पर अत्याचार करके इनके जीवन को नर्क बनाते हैं”

PETA इंडिया द्वारा पिछले महीने की गयी एक जांच से पता चला कि द ग्रेट भारत सर्कस मेंएक घोड़े, एक खच्चर, दो ऊंटों, सात कुत्तों तथा दो ईमू (शुतुरमुर्ग तरीके के पक्षी) का इस्तेमाल किए जा रहा है। PETA समूह द्वारा जांच में पाये गए क्रूरता के सबूतो सहित शिकायत के बाद, AWBI ने श्री सुब्रमण्यन सहित एक टीम गठित कर सर्कस के निरीक्षण का आदेश जारी किए। इस टीम ने दिनांक 1 दिसंबर 2019 को सर्कस का निरीक्षण किया व PETA इंडिया द्वारा जांच में पायी गयी क्रूरता की पुष्टि के उपरांत पुलिस में सर्कस के खिलाफ FIR दर्ज कराने का फैसला किया। PETA इंडिया द्वारा सर्कस में की गयी जांच के दौरान क्रूरता के कुछ महत्वपूर्ण फोटो और वीडियो को सबूत के तौर पर शिकायत के साथ संलग्न किया गया है।

PETA इंडिया की ग्रेट भारत सर्कस में की गयी जांच के कुछ मुख्य निष्कर्ष निम्नलिखित हैं-

 जबरन करतब दिखने के लिए मजबूर किया जा रहे एक ऊंट की पिछली बायीं टांग पर एक बड़ा सा घाव था जिसमे से ऊंट खून बह रहा था।

  • एक अन्य ऊंट के जबड़े में गंभीर चोट थी जिसके चलते वह अपना मुंह नहीं बंद कर पा रहा था।
  • कुत्तों से जबरन प्रदर्शन करवाए जा रहे थे जैसे अगले 2 पैरों द्वारा ड्रम को चलना तथा पिछले दो पैरों के पर खड़े होकर चलना।
  • दो ईमू (शुतुरमुर्ग तरीके का पक्षी) को बिना पर्याप्त भोजन और पानी के छोटे पिंजरों में कैद करके रखा गया था।
  • एक घोड़े और एक खच्चर को बेहद छोटी रस्सियों से बांधा गया था वह दोनों ठीक से हिल-डुल तक नहीं पा रहे थे जिससे वह अत्यधिक तनाव में थे।
  • शो में करतब दिखने के दौरान मानव कलाकार ने कई बार ऊंट, कुत्तों और घोड़े को मारा।

PETA इंडिया जो इस सिद्धांत के तहत काम करता है कि “जानवर हमारा मनोरंजन करने के लिए नहीं है”, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय से अनुरोध करता है कि सर्कस में सभी तरह के जानवरों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने वाली अधिसूचना को अंतिम रूप देकर इसे जल्द से जल्द लागू करवाए। ऐसा करने पर, यह बोसनिया और हर्जेगोविना, साइप्रस, माल्टा और ग्रीस जैसे देशों की श्रेणी में आ जाएगा जिनहोने पहले से ही सर्कस से सभी तरह के जानवरों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है।

 अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com.पर जाएँ।

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