जीत! SHEIN ने PETA US की अपील पर फर, वन्य जीवों की खाल और विदेशी पंखों पर लगाया प्रतिबंध
लोमड़ियों, खरगोशों, शुतुरमुर्गों और अन्य वन्य पशुओं को फैशन इंडस्ट्री में झेलनी पड़ने वाली क्रूरता को लेकर जब PETA इंडिया की अमेरिकी सहयोगी संस्था ने SHEIN को सूचित किया, तो चीन में स्थापित और सिंगापुर में आधारित इस रिटेल दिग्गज ने अपने प्लेटफ़ॉर्म पर बेचने वाले सभी थर्ड-पार्टी विक्रेताओं के लिए फर और वन्य जीवों की खालों पर पूर्ण प्रतिबंध लागू कर दिया। यह प्रतिबंध अब शुतुरमुर्ग, मगरमच्छ और अन्य “विदेशी” माने जाने वाले पशुओं से बने उत्पादों को भी शामिल करता है।
खरगोश का फर वाला हर कोट या मगरमच्छ की खाल से बना पर्स किसी संवेदनशील और सोचने-समझने वाले पशु की पीड़ा की कीमत पर बनता है — जो जीना चाहता था, मरना नहीं। SHEIN का यह निर्णय सही दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि इसके ऑनलाइन स्टोर और बाज़ार में अब किसी पशु के फर या खाल से बनी वस्तु न बेची जाएगी। PETA अन्य सभी कंपनियों से अपील करता है कि वे भी इसी राह पर चलें।
लोमड़ियां अपनी झबरीली पूंछ से गंध छोड़कर संवाद करती हैं, शुतुरमुर्ग अपने बच्चों की वर्षों तक परवरिश करते हैं, और मगरमच्छ अपने अंडों की सुरक्षा के लिए गहरी ममता दिखाते हैं। फिर भी फैशन इंडस्ट्री इन मासूम जीवों के साथ भयानक अत्याचार करती है। PETA संस्थाओं की दर्जनों जाँच रिपोर्टें दर्शाती हैं कि कैसे इन पशुओं को गंदे पिंजरों में बंद कर फर के लिए मार डाला जाता है, शुतुरमुर्गों के पंख एक-एक कर नोच लिए जाते हैं, और मगरमच्छों की गर्दन पर बेरहमी से वार कर, उनकी रीढ़ में लोहे की छड़ें डाली जाती हैं ताकि उनकी खाल निकाली जा सके।
SHEIN अब ASOS, Burberry, Canada Goose, Chanel, Macy’s, Nike और Nordstrom जैसे सैकड़ों प्रतिष्ठित डिज़ाइनरों और रिटेल ब्रांड्स की सूची में शामिल हो गया है जिन्होंने फर और वन्य जीवों की खाल पर प्रतिबंध लगाया है। अब PETA संस्थाएं आमजन से अपील कर रही हैं कि वे Louis Vuitton के मेन्सवियर क्रिएटिव डायरेक्टर फ़ैरेल विलियम्स से भी अनुरोध करें कि वे LVMH को इस अमानवीय प्रथा से दूर ले जाएं।
फरवरी 2025 में भारत सरकार ने PETA इंडिया की उन महत्वपूर्ण सिफ़ारिशों को स्वीकार किया, जिनका उद्देश्य वन्यजीवों की रक्षा को मज़बूत करना है — विशेषकर उन पशुओं की, जो वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 या CITES के अंतर्गत संरक्षित हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने भी इन सिफ़ारिशों का समर्थन किया। अब PETA इंडिया का लक्ष्य 3 जनवरी 2017 को लागू किए गए मगरमच्छ, मिंक और लोमड़ी की खाल के आयात पर प्रतिबंध को पुनः लागू कराना है, जिसे 7 जनवरी 2021 को निरस्त कर दिया गया था।
आप क्या कर सकते हैं?