PETA इंडिया द्वारा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को वैश्विक महामारी पर आधारित भेजी गयी पहेली को डिलीवरी का इंतज़ार है।

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लॉकडाउन के समय में लोगों को व्यस्त रखने में मदद करने हेतु पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया ने एक नया उत्पाद बनाया है: महामारी को बढ्ने से रोकने हेतु भोजन एवं विचारों पर आधारित यह एक सूचनात्मक अभ्यास जो डाक सेवाएं शुरू होते ही, यह अभ्यास सबसे पहले प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी तक पहुंचेगा।

PETA इंडिया ने एक अनोखी पहेली तैयार की है जो मांस के लिए पशुपालन  एवं घातक महामारियों के बीच के संबंध को दर्शाता है जैसे SARS से लेकर इबोला, एवियन और स्वाइनफ्लू  और यह पहेली लोगों को वीगन बनाने के सुझाव भी देती है।

Coronavirus Pandemic Background with puzzle jigsaw 500 blue pieces.सामाजिक दूरी बनाये रखना बहुत महत्वपूर्ण लेकिन PETA इंडिया सभी से अनुरोध करता है कि पशुओं से प्राप्त होने वाले खाद्य पदार्थों का त्याग करके स्वयं एवं पशुओं के जीवन तथा पर्यावरण की रक्षा करें। मांस, अंडे और डेयरी पदार्थों की बढ़ती मानवीय मांग को पूरा करने हेतु लोग पशुओं को सैकड़ों, हजारों वा लाखों की संख्या में गोदामों ठूंस ठूंसकर कैद करके रखते हैं

मुर्गियों, गायों, सूअरों और अन्य पशुओं को एक साथ गंदे और मलमूत्र से सने छोटे पिंजरों या शेड में रखा जाता हैं, गंदे ट्रकों में भरकर परिवहन किया जाता है, खून, मूत्र और शरीर से निकले अन्य तरल पदार्थों से लथपथ फर्श पर उनकी ह्त्या कर दी जाती है। कई जानवरों को भारत, चीन और दुनिया भर के अन्य देशों के जीवित पशु बाजार में ताजा मांस के लिए बेचा जाता है। भीड़-भाड़ वाले पशुपालन केन्द्रों  एवं जीवित पशु बाज़ारों में रोगजनक पनपते हैं और इनसे ही खतरनाक बैक्टीरिया और वायरस पैदा होते हैं।

वैज्ञानिकों का मानना है कि COVID-19 और SARS जैसे वायरस चीन के जीवित पशु बाजारों के माध्यम से मनुष्यों में फ़ैले हैं, जबकि स्वाइन फ्लू और बर्ड फ्लू प्लेग फैक्ट्री फार्म से उत्पन्न हुए थे।

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