झारखंड में ‘बर्ड फ्लू’ के कहर के बाद PETA इंडिया ने चेतावनी भरा बिलबोर्ड लगवाएँ

Posted on by Erika Goyal

झारखंड में ‘बर्ड फ्लू’ के कहर के बाद PETA इंडिया द्वारा बोकारो और रांची में चेतावनी भरे बिलबोर्ड लगवाएँ हैं। इस बिलबोर्ड अभियान द्वारा जनता को मांस एवं अंडा उत्पादन से H5N1 और अन्य घातक बर्ड फ्लू के प्रसार के संबंध में जागरूक किया गया है।

हनुमान मंदिर, कचहरी रोड, फिरयालाल चौक के पास, डिप्टी पारा, अपर बाजार, रांची, झारखंड 834001

बर्ड फ्लू से संक्रमित होने वाले 60% इन्सानों की मृत्यु हो जाते है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है कि बीमार या मृत पक्षियों से शारीरिक संपर्क और उन्हें गलत ढंग से पकाने के चलते कई ख़तरनाक संक्रमणों के फैलने का ख़तरा है और “अंडों की छाल और गूदे (सफेद और जर्दी) दोनों में H5N1 संक्रमण पाया जाता है। भारतवर्ष की जिंदा जानवरों की मंडियों को इन्सानों में H5N1 फैलने का बड़ा स्रोत माना जाता है और इनमें बीमार मुर्गियां मिलना बहुत आम है ।

वर्ष 2003 के नवम्बर महीने से लेकर अबतक WHO को एशियाई H5N1 वायरस से संक्रमित 700 से अधिक लोगों की सूचना मिली है। ज्यादातर मामलों में, संक्रमित व्यक्तियों का बीमार या मृत मुर्गियों से संपर्क रहा है। US Centers for Disease Control and Prevention के अनुसार, अगर एशियाई H5N1 वायरस उत्परिवर्तित (mutate) होकर “इन्सानों से ही इन्सानों के बीच संक्रमित होने की क्षमता हासिल कर लेता है तो इससे इन्फ्लूएंजा महामारी का बड़ा ख़तरा है जिस कारण विश्वभर में बीमारी और मौत के आकड़ों में व्यापक बढ़ोतरी संभव है।“

मांस मुक्त जीवनशैली से न केवल रोगों के फैलाव में कमी आती है बल्कि कई पशुओं की घोर पीड़ा को भी समाप्त किया जा सकता है। वर्तमान मांस उद्योग के चलते भारी संख्या में जानवरों को बड़े-बड़े केन्द्रों में कैद करके पाला जाता है और उनके जिंदा रहते हुए ही उनके गले काट दिये जाते हैं।

वीगन जीवनशैली अपनाएँ!