JIPMER में जानवरों पर होने वाले अवैध परीक्षणों का खुलासा हुआ, PETA इंडिया की शिकायत के बाद सरकारी कार्रवाई हुई

Posted on by Sudhakarrao Karnal

(PETA) इंडिया को एक दयालु छात्र से जानकारी मिली थी कि “जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च” (JIPMER), पुडुचेरी में जानवरों पर क्रूर एवं अवैध परीक्षण किए जा रहे हैं जिसके बाद “कमेंटी फॉर द पर्पस ऑफ कंट्रोल एंड सुपरविजन ऑफ एक्सपेरिमेंट ऑन एनिमल्स” (CPCSEA) ने JIPMER के निदेशक को नोटिस भेजकर इन प्रयोगों को तुरंत रोकने का निर्देश दिया एवं  संस्थान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी। CPCSEA द्वारा यह कदम PETA इंडिया की शिकायत के बाद उठाया गया, जिसमें पशु संरक्षण क़ानून के उल्लंघन संबंधी साक्ष्यों को प्रस्तुत किया गया था।  PETA इंडिया को प्राप्त छात्र शिकायत के अनुसार, संस्था में परीक्षणों के लिए चूहों को  दयनीय परिस्थितियों में रखा गया था और उन्हें एक भीड़-भाड़ से भरे डब्बे में दूषित भोजन खाने के लिए मजबूर किया जा रहा था।  साथ ही, इन जानवरों का अप्राकृतिक ढंग से अधिक प्रजनन किया जा रहा था और इनकी जनसंख्या कम करने के लिए छात्रों को इनपर जबरन परीक्षण करने हेतु बाध्य किया जा रहा था।

CPCSEA को लिखे अपने पत्र में, PETA इंडिया ने उल्लेख किया कि JIPMER ने वर्ष 2012 से अपने पंजीकरण लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं कराया है एवं 5 मई 2022 को CPCSEA द्वारा संस्थान का पंजीकरण रद्द किए जाने के बावजूद यहाँ चूहों पर परीक्षण एवं अवैध प्रयोगों की फ़ंडिंग जारी थी। यह जानवरों के प्रजनन और प्रयोग (नियंत्रण और पर्यवेक्षण) नियम, 1998 का ​​सीधा उल्लंघन है, जिसके अनुसार CPCSEA पंजीकरण के बिना जानवरों पर प्रजनन और प्रयोग पर रोक लगाई गयी है। PETA इंडिया ने अपनी शिकायत में, फ़ोटो के माध्यम से संस्थान में पशुओं पर होने वाली क्रूरता के सबूत प्रस्तुत किए, इंस्टीट्यूटनल एनिमल एथिक्स कमिटी (IAEC) द्वारा जारी पशु प्रयोग से संबंधी प्रस्तावों को आमंत्रित करने वाला परिपत्र, अवैध पशु प्रयोगों को मंजूरी देने वाली IAEC बैठकों के कार्यवृत्त, पशु प्रयोगों से जुड़े प्रस्तावों का समर्थन करने के लिए अनुसंधान अनुदान जारी ज्ञापन, और पिछले 10 वर्षों के दौरान संस्थान द्वारा जानवरों पर किए गए प्रयोगों पर चर्चा करने वाले शोध पत्र प्रकाशित किए।

CPCSEA के कारण बताओ नोटिस में JIPMER को पशु सुविधा में रखे गए जानवरों, पिछले 10 वर्षों के दौरान जानवरों पर किए गए प्रयोगों का विवरण और पशु प्रयोगों को मंजूरी देने वाली IAEC की बैठकों के कार्यवृत्त का विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।

क्या आपने अपने कॉलेज/विश्वविद्यालय या किसी और को जानवरों का प्रयोग करते हुए देखा है? कृपया हमारे साथ [email protected] पर उनका विवरण साझा करें।