PETA इंडिया की शिकायत के बाद ‘जींद वन विभाग’ ने Monitor Lizard (गोह) को मारने वाले व्यक्ति के खिलाफ़ मामला दर्ज़ किया

Posted on by Sudhakarrao Karnal

PETA इंडिया द्वारा वीडियो साक्ष्य सहित दर्ज़ कराई गई एक शिकायत के परिणामस्वरूप, जींद वन विभाग ने गोह (जिसे Monitor Lizard के नाम से जाना जाता है और यह देखने में बड़े आकार की  छिपकली दिखती है) को मारने और इसके शव को रस्सी पर लटकाने के ज़ुल्म में एक व्यक्ति के खिलाफ़ प्रेलिमिनरी ओफ़ेन्स रिपोर्ट (POR) दर्ज़ की है। मॉनिटर छिपकली वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम (WPA), 1972 की अनुसूची I के अंतर्गत संरक्षित प्रजाति है। वन विभाग द्वारा POR को WPA, 1972 की धारा 9, 39, 48, 51, 52 और 55 के तहत दर्ज़ किया गया है। यह एक गैर-जमानती अपराध है और इसके लिए सात साल तक की जेल और न्यूनतम 10,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। इस अपराधी को गिरफ्तार करके मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया और अदालती कार्यवाही के बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया।

मनोविज्ञान और अपराध विज्ञान संबंधी शोध से पता चला है, जो लोग जानवरों के प्रति क्रूरता करते हैं वह अक्सर अपने अपराध को दोहराते हैं और आगे चलकर अन्य जानवरों एवं इन्सानों को भी क्रूरता का शिकार बनाते हैं। वर्तमान में, सामुदायिक तौर पर इसे तथ्य को मान्यता मिल रही है कि किसी भी जीवित प्राणी का शोषण करना पूरी तरह से गलत है और यह सभी के लिए ख़तरनाक है। PETA इंडिया के “दयालु नागरिक कार्यक्रम” द्वारा भारत भर के स्कूली छात्रों को पशुओं की रक्षा करने और उन्हें सम्मान देने की शिक्षा प्रदान कर रहा है।

हम आग्रह करते हैं कि मॉनिटर छिपकली की सुरक्षा हेतु उनके प्राकृतिक आवास को संरक्षित किया जाए। हम जनता को यह भी बताना चाहते हैं कि मॉनिटर छिपकलियां कीड़े और अन्य छोटे जानवरों को खाती हैं और वह मनुष्यों से डरती हैं। इन्हें मानवीय आबादी वाले क्षेत्र से दूर जाने के लिए, इनके निकालने का रास्ता बनाकर इन्हें सुरक्षित निकलने दिया जा सकता है। PETA इंडिया यह सलाह देता है कि इंसान का इस प्रकार की प्रजाति के जीव से सामना होने पर वह वन विभाग को तुरंत सूचित करे।

पशु शोषणकर्ताओं के खिलाफ़ कड़े दंड प्रावधान लाने हेतु PETA इंडिया की सहायता करें संकट में पड़े जानवरों की सहायता करने के तरीके जानें