PETA इंडिया के हस्तक्षेप के बाद, गाय के पैर काटने वाले 3 अभियुक्तों के खिलाफ प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज

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PETA इंडिया के प्रयासों और स्थानीय कार्यकर्ता शिवानंद दिवेदी द्वारा दर्ज की गयी शिकायत के बाद, रीवा पुलिस ने गायों की तस्करी करने और गाय के पैर काटने के लिए 3 अभियुक्तों के खिलाफ प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज कर ली है। बैकुंठपुर के यह अपराधी घबरा कर भागने लगे तो उन्होने ट्रक में लदी गायों को ट्रक से नीचे फेंक दिया जिसमे एक गाय अभी भी ट्रक के अंदर ही थी और उसका पिछला पैर रस्सी से बंधा था, जल्दी से मौके से फरार होने के लिए अपराधी ने उस गाय का पैर काट कर उसे ट्रक से नीचे धक्का दे दिया। स्थानीय ग्रामीण उस घायल गाय को पशु चिकित्सा प्रदान कर उसकी देखभाल कर रहे हैं।

अभियुक्तों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 411, 414, 429, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 11(D) और ‘मध्य प्रदेश गौवंश वध प्रतिष्ठा अधिनियम, 2004’ की धारा 4 व 9 के तहत प्राथमिकी रिपोर्ट  दर्ज की गयी है।

बहुत से शोध से पता चलता है कि जो लोग जानवरों पर क्रूरता करते हैं वह अक्सर इस तरह के अपराध को आगे फिर से दोहराते हैं जो अन्य जानवरों के साथ साथ मनुष्यों को भी नुकसान पहुंचाते हैं। उदाहरण के लिए अमीरुल इस्लाम को केरल में कानून की पढ़ाई कर रही एक छात्रा ‘निशा’ के साथ बलात्कार और उसकी हत्या करने के लिए मौत की सज़ा दिये जाने से पहले उसने बकरियों और कुत्तों के साथ बलात्कार कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया था। विदेश में हुए एक अन्य अध्ययन में, घरेलू हिंसा की शिकार 71%  महिलाओं ने बताया उनके साथ दुर्व्यवहार करने वालों ने कुत्ते या फिर अन्य साथी जानवर के साथ भी बुरा सलूक किया, उन्हें चोट पहुंचाई या फिर उन्हें मार डाला था।

PETA इंडिया ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम’ को मजबूत करने के लिए लंबे समय से अभियान चला रहा है जिसमे पशुओं पर अत्याचार के खिलाफ कमजोर दंड के प्रावधान हैं जैसे कि पशुओं पर पहली बार अपराध का दोषी ठहराए जाने पर महज़ 50 रुपये जुर्माने का प्रावधान है। PCA अधिनियम में संशोधन करने हेतु PETA इंडिया द्वारा केंद्र सरकार को भेगे गए प्रस्ताव में PETA इंडिया ने इस कानून में पशुओं पर क्रूरता करने वालों के लिए कठोर दंड व्यवस्था के प्रावधानों को शामिल करने की सिफ़ारिश की है।

पशुओं पर क्रूरता करने वालों के लिए कठोर दंड की मांग करें