PETA इंडिया की शिकायत के बाद चेंगलपट्टू वन विभाग ने अवैध रूप से कैद किए तोते जब्त किए

Posted on by Sudhakarrao Karnal

PETA इंडिया से मिली शिकायत पर कार्यवाही करते हुए, चेंगलपट्टू वन विभाग ने मंगलवार विशेष छापेमारी कर थिरुपुरूर वन रेंज में सात ज्योतिषियों से सात तोते जब्त किए। भाग्य बताने वाले यह ज्योतिष अवैध रूप से पक्षियों को छोटे पिंजरों में कैद करके रखे हुए थे। अधिकारियों ने वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम (WPA), 1972 की धारा 9, 39, और 51 के तहत एक प्रारंभिक अपराध रिपोर्ट दर्ज की और भाग्य बताने वाले इन सातों ज्योतिषों को पकड़ लिया है। इस प्रजाति के तोते वन्यजीव संरक्षण कानून 1972 के तहत संरक्षित प्रजाति में आते हैं और उन्हें पकड़ना या कैद करना एक दंडनीय अपराध है जिसके चलते न साल तक की जेल या 25,000 रुपये तक का जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं।

कॉमेडियन सुनील ग्रोवर ने इंस्टाग्राम पर एक तोते के साथ एक भाग्य-बताने वाले की रील पोस्ट की तो तुरंत PETA इंडियन ने इसका संज्ञान लेते हुए वन विभाग के साथ संपर्क कर इन पक्षियों को बचाने और भाग्य-बताने वालों को पकड़ने के लिए कार्यवाही की। PETA इंडिया ने अप्रैल माह में वन विभाग को चार तोतों को बचाने के बदले सराहना स्वरूप एक “हीरो टू एनिमल्स अवार्ड” से सम्मानित किया था। उन चारों तोतों को ऑनलाइन बिक्री के रूप में ज्योतिषों को बेचा जा रहा था जिनहे वह अपने भविष्य बताने वाले व्यवसाय में इस्तेमाल करने वाले थे। उस मामले में शामिल दो लोगों की गिरफ्तारी भी हुई।

इस तरह के अवैध पक्षी व्यापार में, अनगिनत पक्षियों को उनके परिवारों से दूर कर दिया जाता है और उन्हें उस हर चीज़ से वंचित कर दिया जाता है जो उनके लिए प्राकृतिक रूप से महत्वपूर्ण है। और यह सब सिर्फ इसलिए कि इन पक्षियों को “पालतू” या फर्जी “भाग्य बताने वाले” पक्षी के रूप में बेचा जा सके। पक्षियों को अक्सर उनके घोंसलों से चुरा लिया जाता है जबकि अन्य पक्षी जो शिकारियों के बिछाये जाल में फस जाते हैं वह वहाँ से भाग निकलने के प्रयास में भीर रूप से घायल हो जाते हैं या मौत के शिकार बनते हैं। इस तरह से पकड़े गए पक्षियों को छोटे बक्से में पैक किया जाता है, और उनमें से अनुमानित 60% पक्षियों के पंख टूट चुके होते हैं और वह घबराहट या अवसाद के चलते मर भी जाते हैं। जो जीवित रहते हैं वे एक अंधकार भरे कमरों व पिंजरों में आजीवन अकेले रहते हैं व कुपोषण, अकेलेपन, अवसाद और तनाव से पीड़ित होते हैं।

जिस किसी ने भी पक्षियों को कैद करके पिंजरों में रखा है या पालतू के रूप में घर पर रखा है, PETA इंडिया उस हर इंसान को यह सलाह देता है कि वह किसी स्थानीय वन विभाग या पशु संरक्षण समूह के साथ तत्काल बातचीत कर उन पक्षियों को आज़ाद कर दें।

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