PETA इंडिया द्वारा कोलकाता में पर्यटकों को ढ़ोने वाली घोड़ागाड़ियों के नए विकल्प के रूप में विक्टोरियन स्टाइल ई-कैरेज का प्रदर्शन किया गया

Posted on by Erika Goyal

28 जुलाई 2022 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन करके, PETA इंडिया और CAPE फ़ाउंडेशन द्वारा कोलकाता में पर्यटकों को ढ़ोने वाली घोड़ागाड़ियों के नए विकल्प के रूप में विक्टोरियन स्टाइल ई-कैरेज का प्रदर्शन किया गया। इस प्रकार की गाड़ियों का प्रयोग मुंबई में पहले से ही किया जाता है। कोलकाता में प्रयोग होने वाली घोड़ागाड़ियों के कारण घोड़े चोटिल होने हैं, विभिन्न बीमारियों का शिकार होते हैं और भूखमरी के साथ-साथ विभिन्न सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में महराष्ट्र के पर्यावहन विभाग के एडिशनल कमिश्नर का एक संदेश दिखाया गया साथ ही मुंबई के ई-कैरेज चालकों और पर्यटकों का अनुभव भी साझा किया गया।

यह विक्टोरियन स्टाइल के ई-कैरेज बैटरी-चलित, पर्यावरण-हितैषी और दिखने में बहुत आकर्षक हैं। यह नए वाहन न केवल घोड़ों के दर्द और पीड़ा को समाप्त करेंगे, बल्कि गाड़ी चालकों को आजीविका के बेहतर अवसर भी प्रदान करेंगे। यह गाडियाँ कोलकता की शहरी विरासत को 21वीं सदी तक पहुंचाने में अपना प्रमुख योगदान देगी। PETA इंडिया द्वारा इन गाड़ियों का जनता के लिए प्रदर्शन 29 जुलाई को विक्टोरिया मेमोरियल के साउथ गेट के सामने किया गया।

PETA इंडिया और CAPE फ़ाउंडेशन द्वारा जांच में सामने आया कि शहर में सवारी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सौ से अधिक घोड़े एनीमिक, कुपोषित और भूख से पीड़ित हैं और साथ ही कई जानवरों की हड्डियाँ टूटी हुई हैं और इन्हें अपने ही मल-मूत्र के बीच शहर के बेहद गंदे, जर्जर और अवैध रूप से कब्जे वाले परिसरों में कैद करके रखा गया है जिनमें फ्लाईओवर के नीचे का एक तंग क्षेत्र शामिल है।

अध्ययन रिपोर्ट में कोलकाता की सड़कों पर सवारी करने वाले घोड़ों से हुई 10 अलग अलग सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों को संकलित कर बताया गया है कि यह पर्यटकों के लिए कितना खतरनाक है।इस तरह की दुर्घटनाएं जानवरों के लिए दर्द और पीड़ा का कारण बनती हैं और पर्यटकों एवं सड़क पर चलते वाले लोगों के लिए सुरक्षा जोखिम पैदा करती हैं।

इन घोड़ों की पीड़ा को समाप्त करने और मुंबई की तरह कोलकाता में घोड़ागाड़ियों को पशु एवं पर्यावरण हितैषी ई-कैरेजों से बदलने में हमारा सहयोग करें।

इस पिटिशन पर हस्ताक्षर करके कोलकाता के घोड़ों की पीड़ा समाप्त करें