PETA इंडिया की अपील के बाद भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड ने फिल्मों और अन्य शो में जिंदा जानवरों के बजाय आधुनिक तकनीकें इस्तेमाल करने की सलाह जारी की

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PETA इंडिया द्वारा फिल्मों, टीवी शो, विज्ञापनों और डिजिटल सामग्री के फिल्मांकन हेतु जानवरों के प्रति की जाने वाली क्रूरता के संबंध में की गयी अपील और पोन्नियिन सेलवन फिल्म की शूटिंग केदौरान  हुई घोड़े की मौत के संदर्भ में शिकायत दर्ज़ कराने के बाद, भारतीय जीव-जंतु कल्याण बोर्ड (AWBI) ने एक एडवाइजरी जारी कर सभी फिल्म निर्माता असोसिएशनों, फिल्म चेंबर्स ऑफ कॉमर्स, और विज्ञापनदाताओं को जिंदा जानवरों के बजाय कंप्यूटर जनित इमेजरी (CGI), विजुअल इफेक्ट्स और एनिमेशन तकनीक के उपयोग को प्राथमिकता देने का सुजाव दिया। AWBI “पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960”, के तहत अधिकृत प्राधिकरण है, जो फिल्मों में जानवरों के उपयोग को अधिकृत करता है।

AWBI ने अपनी एडवाइजरी में बताया कि जानवरों को आमतौर पर उनकी मां से अलग कर दिया जाता है, प्रशिक्षण के दौरान मारा-पीटा जाता है, भूखा-प्यासा रखा जाता है, मुश्किल और ख़तरनाक करतब करने हेतु मजबूर किया जाता है, फिल्म एवं टेलीविजन स्टूडियो के भीड़भाड़ वाले माहौल रखा जाता है और जब इन जानवरों का इस्तेमाल नहीं हो रहा होता तो इन्हें जंजीरों में कैद रखा जाता है।

हाल ही में, PETA इंडिया को किसी व्हिसलब्लोअर द्वारा जानकारी मिली थी कि ‘पोन्नियिन सेलवन’ फिल्म की शूटिंग के दौरान एक दृश्य फिल्माते हुए एक घोड़े की सीधे सर पर टक्कर लगने से (head- on collision) मौत हो गई जिसके बाद PETA इंडिया की शिकायत पर कार्यवाही करते हुए “भारतीय जीव-जंतु कल्याण बोर्ड” (AWBI) ने हैदराबाद के जिला कलेक्टर और तेलंगाना राज्य पशु कल्याण बोर्ड को इस घोड़े की मौत की जांच करने के लिए निर्देशित किया था। AWBI ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि दोषियों को “अनुकरणीय सजा” मिले ताकि भविष्य में इस तरह के अपराध न हों।

AWBI को जानवरों की रक्षा करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद!