शिमला : PETA इंडिया के सैंटा एक सुअर एवं मुर्गे के रूप में लोगों से वीगन बनने का आग्रह करेंगे

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23 December 2019

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PETA समूह आते जाते सभी राहगीरों से अनुरोध करेगा कि क्रिसमस को पशुओं के लिए भी शुभ बनाएँ

शिमला : मुर्गे एवं सुअर का भेष धारण कर सैंटा क्लौज बने PETA इंडिया के सदस्य हाथों में “”We Wish You a Vegan Christmas” नारा लिखे बोर्ड पकड़ कर शिमला में आते जाते लोगों से वीगन बनने का अनुरोध करेंगे। PETA क्या संदेश देना चाहता है ? मांसाहार भोजन का त्याग कर पशुओं को भी यह एहसास कराने में मदद कर सकते हैं कि त्यौहार खुशियाँ भरे होते हैं।

समय   : मंगलवार, 24 दिसम्बर, दोपहर 12 बजे

स्थान   : एम्पिथियेटर, द रिज़, शिमला

PETA इंडिया के दयान कोंसेस्साओ कहते हैं – “अगर ज्यादा से ज्यादा लोग स्वस्थ एवं मानवीय वीगन भोजन अपना लें तो हर दिन करोड़ों पशुओं को दर्दनाक पीड़ा सहने व बेरहम मौत मरने से बचाया जा सकता है। हम सभी से अनुरोध करते हैं कि इस क्रिसमस पर मांसाहार का त्याग कर इस त्यौहार को पशुओं के लिए भी सुखद एवं खुशियों भरा बनाएँ“

PETA इंडिया द्वारा क्रूरता का खुलासा करने वाले वीडियो “ग्लास वाल्स” में दिखाया गया है कि आज के दौर में पूरी तरह से व्यावसायिक हो चुके मांस, अंडा और डेयरी उद्योगों में बड़ी बेरहमी से मुर्गों के गले काट दिये जाते हैं, मछलियों का दम घुटने से मौत हो जाती है या फिर सचेत अवस्था में रहते उन्हे काट दिया जाता है, सूअरों के दिल में छुरा घोंप कर उन्हें दर्द से मरने के लिए छोड़ दिया जाता है तथा जन्म के कुछ ही देर बाद बछड़ों को खींचकर उनकी माताओं से अलग कर दिया जाता है। कत्लखानों में पशुओं को एक एक कर उनके बाकी साथियों के सामने मौत के घाट उतार दिया जाता है व सचेत अवस्था में रहते उन्हें काट दिया जाता है।

माँस खाने से इन्सानों के स्वस्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। मांस, अंडे, और डेयरी “उत्पादों” का सेवन करने से हृदय रोग, दौरा, मधुमेह, मोटापा और कैंसर जैसे रोगों का खतरा होता है। इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से निपटने के लिए वीगन भोजन की दिशा में एक वैश्विक बदलाव आवश्यक है।

PETA इंडिया जो इस सिद्धांत में विश्वास करता है कि “पशु हमारा भोजन बनने के लिए नहीं है” पर अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट पर PETAIndia.com जाएँ।

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