PETA इंडिया के ‘सैंटा’ ने लोगों को चमड़े का त्याग करने के लिए प्रोत्साहित किया

Posted on by Suniti Kaushik

क्रिसमस की ख़रीदारी का मौसम ज़ोरों पर है और ऐसे में PETA इंडिया ने गोवा, गुवाहाटी, इंफाल, कोच्चि, शिलांग और तिरुवनंतपुरम में बिलबोर्ड लगवाकर लोगों को अपने क्रिसमस ट्री के नीचे चमड़े की वस्तुओं न लगाकर गायों, भैंसों और अन्य जानवरों के प्रति करुणा और दयालुता दिखाने का अनुरोध किया। ऐसा करके हम सभी सैंटा की अच्छे इंसानों की सूची में शामिल हो सकते है।

चमड़े के लिए प्रयोग होने वाली गायों और भैसों को बूचड़ख़ाने ले जाने वाली गाड़ियों में इतने तंग ढंग से भरते हुए दिखाया गया था कि अक्सर उनकी हड्डियाँ टूट जाती हैं या इन संवेदनशील जानवरों की दम घुटने से मृत्यु हो जाती है। बूचड़खानों में, कर्मचारियों द्वारा अन्य डरे हुए जानवरों के सामने इनका गला चीरा जाता है। जानवरों के लिए क्रूर होने के साथ-साथ चमड़ा उत्पादन इस ग्रह के लिए भी हानिकारक है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, पशु कृषि (जिसमें कपड़ों के लिए मारे जा रहे जानवर शामिल है) मानव जाति द्वारा किए जाने वाले ग्रीनहाउस-गैस उत्सर्जन के लगभग पांचवें हिस्से के लिए जिम्मेदार है।

 

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