रैम्बो सर्कस को रोबोटिक हाथी की पहल पर PETA इंडिया का पुरस्कार

Posted on by Erika Goyal

PETA इंडिया द्वारा Compassion in Circus Acts Award पुणे में मौजूद रैम्बो सर्कस को दिया गया है, ताकि उस नवाचारी पहल को सम्मानित किया जा सके जिसमें सर्कस ने दर्शकों को लुभाने के लिए एक यांत्रिक हाथी का उपयोग किया है। इस पहल में पशुओं को मंच पर लाने के लिए क्रूरता नहीं बल्कि रचनात्मकता अपनाई गई है। सर्कस पशु वेशभूषाओं का भी उपयोग कर रहा है।

पशु कल्याण बोर्ड ऑफ इंडिया (AWBI) के निरीक्षणों और PETA इंडिया की जांचों से पता चला है कि सर्कसों में उपयोग किए जाने वाले पशु लगातार बंधन, शारीरिक अत्याचार और मानसिक यंत्रणा के शिकार होते हैं। उन्हें दर्द देने और अधीन करने के लिए कोड़े और अन्य हथियारों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे वे डर के मारे डरावने और भ्रमित करने वाले करतब करने को मजबूर हो जाते हैं। जब वे शोरगुल भरे दर्शकों के सामने प्रदर्शन नहीं कर रहे होते, तब भी सर्कसों में उपयोग किए जाने वाले पशु एक दुखद जीवन झेलते हैं। उन्हें जल, भोजन और पशु-चिकित्सा जैसी मूलभूत सुविधाएं भी अक्सर बहुत सीमित रूप में मिलती हैं।

दो नियामक संस्थाओं, पशु कल्याण बोर्ड ऑफ इंडिया और केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (CZA), ने यह मान्यता दी है कि पशु सर्कस स्वभावतः क्रूर होते हैं और भारत में सर्कसों में पशुओं के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। इसी के समर्थन में PETA इंडिया ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है, जिसमें केंद्र सरकार से प्रदर्शन हेतु पशुओं का पंजीकरण (संशोधन) नियम, 2018 के माध्यम से सर्कसों में पशुओं के उपयोग पर स्थायी प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है।

सर्कसों में पशुओं का उपयोग समाप्त करें