PETA इंडिया की शिकायत के बाद रायपुर वन विभाग ने एक संपेरे के खिलाफ़ मामला दर्ज़ किया

Posted on by Siffer Nandi

PETA इंडिया द्वारा दर्ज़ कराई गयी शिकायत के बाद, रायपुर वन विभाग ने एक संपेरे के खिलाफ़ पशुओं की संरक्षित श्रेणी में आने वाले ‘कोबरा’ के अवैध कब्जे, प्रदर्शन और उपयोग के लिए प्रारंभिक अपराध रिपोर्ट (POR) दर्ज़ की है। कोबरा “वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम (WPA), 1972” की अनुसूची I के भाग C के तहत संरक्षित पशु हैं और इन्हें पकड़ना, पालना, या घायल करना एक गंभीर एवं गैर-जमानती, दंडनीय अपराध है जिसमें कम से कम तीन साल की जेल की सज़ा जिसे सात साल तक बढ़ाया जा सकता है और न्यूनतम 25,000 रुपये  के जुर्माने का प्रावधान है। इतने सख़्त क़ानूनी प्रावधानों के बावजूद सांपों को अक्सर थैलियों में कैद किया जाता है, छोटे-छोटे बक्सों में रखा जाता है, उनके नुकीले दांतों को जबरन निकाला जाता है। इन पशुओं को लोगों का मनोरंजन करने के लिए और सामाजिक अंधविश्वासों के चलते गाय का दूध जैसे अनुपयुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने के लिए मज़बूर किया जाता है।

सांपों को सपेरों द्वारा WPA, 1972 की अवहेलना करते हुए फंसाया जाता है और उनके प्राकृतिक आवास से दूर किया जाता है। उनके दांतों को हिंसक रूप से निकाला जाता है; उनके सिर की मांसपेशियों को दर्दनाक रूप से दबाकर उनकी जहरीली ग्रंथियां को खाली किया जाता है; और कई बार, शहर ले जाने से पहले, उनके मुंह को जबरन बंद किया जाता है जिसमें केवल पानी या दूध डालने के लिए थोड़ा सा गैप छोड़ दिया जाता है। सांपों द्वारा जो तथाकथित “नाच” किया जाता है, वह असल में संपेरे की बीन के कारण डरपूर्ण प्रतिक्रिया है। बंधी सांपों में से कोई भी बहुत लंबे समय तक जीवित नहीं रह पाता, और उन्हें धीमी और दर्दनाक मौत का सामना करना पड़ता है।

सांप आकर्षक जानवर होते हैं जिनमें शारीरिक चाल-चलन के माध्यम से संवाद करने की क्षमता होती है। इनमें से अजगर स्वयं अपने बच्चों की रक्षा करते हैं, जबकि किंग कोबरा उनके अंडों के लिए घोंसला बनाते हैं। बंदी सांपों को आमतौर पर ऐसे छोटे, अंधेरे बक्से या टैंकों में रखा जाता है जहाँ वे अपनी पूरी लंबाई तक फैल भी नहीं पाते और उन्हें अपने प्राकृतिक आवास अर्थात हरे-भरे जंगलों, दलदलों के आज़ादी भरे सुख से वंचित रखा जाता है।

 

आप भी मदद कर सकते हैं:

  • अपने मित्रों और परिवार से पशुओं का प्रयोग करने वाले मनोरंजन साधनों का समर्थन न करने का अनुरोध करें।
  • अगर आप अपने आसपास WPA, 1972 के तहत संरक्षित पशुओं के खिलाफ़ क्रूरता होते देखें तो तुरंत इसकी फ़ोटो लें और पुलिस को सूचित करें एवं इस संबंध में अपने राज्य के वन विभाग को रिपोर्ट करें। आपको इनकी वैबसाइट पर आवश्यक फोन नंबर आसानी से मिल जाएंगे।
  • यदि आपको किसी प्रकार की अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता हो तो PETA इंडिया के आपातकालीन नंबर (9820122602) या स्थानीय पशु-संरक्षण समूह के पास कॉल करें।