प्लांट बेस्ड न्यूज ने नयी वीगन डॉक्यूमेंट्री ‘द लैंड ऑफ अहिंसा’ लॉन्च की

Posted on by Erika Goyal

दुनिया के प्रमुख वीगन समाचार मंच, प्लांट बेस्ड न्यूज, ने अपने यूट्यूब चैनल पर ‘द लैंड ऑफ अहिंसा’ नामक एक नयी वीगन डॉक्यूमेंट्री लॉन्च की है जिसका प्रमुख उद्देश्य भारत में अहिंसा के अर्थ को पुनः स्थापित करना और सभी जीवित प्राणियों के प्रति अहिंसा के संदेश का प्रचार-प्रसार करना है। अहिंसा शब्द का उद्भव लगभग 4000 साल पहले का माना जाता है और यह इस धारणा से प्रेरित है कि सभी जीवित प्राणी एक आध्यात्मिक ऊर्जा साझा करते हैं, और इसलिए, दूसरे को नुकसान पहुंचाना स्वयं को नुकसान पहुंचाने जैसा है।

इस डॉक्यूमेंट्री ने हांगकांग इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल और WRPN वुमेन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री का पुरस्कार जीता है और इसे BFI लंदन फिल्म फेस्टिवल, बार्सिलोना इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल और बोस्टन फिल्म फेस्टिवल में पांच श्रेणियों में नामांकित किया गया है।

अहिंसा बौद्ध धर्म, हिंदू धर्म, जैन धर्म और सिख धर्म सहित सभी धर्मों का एक केंद्रीय हिस्सा है। वीगन कार्यकर्ता और फिल्म निर्माता डॉली व्यास-आहूजा के अनुसार, भारत इस शब्द के अर्थ को भूल चुका है। इसके परिणामस्वरूप यहाँ जानवरों के प्रति दुर्व्यवहार और हिंसा में वृद्धि देखी गयी है, खासकर ऐसे उद्योगों में जहाँ जानवरों को भोजन के लिए मौत के घाट उतारा जाता है।

स्वतंत्रता सेनानी छगनलाल जोशी की पोती व्यास-आहूजा ने कहा, “जब मुझे डेयरी और पशु कृषि की क्रूरता के बारे में पता चला, तो मैंने दुनिया को जानवरों के लेंस से देखना शुरू किया। दूध के लिए गायों को उनके बछड़ों से दूर कर दिया जाता है और मारा पीटा जाता है। इस क्रूरता का मुझपर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा। मैं अपने दुख को पूरे देश के साथ साझा करना चाहती हूँ।“

दिवंगत बॉलीवुड फिल्म निर्माता केशु रामसे के बेटे आर्यमन रामसे द्वारा निर्देशित, द लैंड ऑफ अहिंसा में व्यास-आहूजा भारत और अमेरिका की यात्रा करती हैं और इस दौरान वह अनेक चिकित्सकों, पर्यावरणविदों और दयालु लोगों से आध्यात्मिकता, और अहिंसा के महत्व और आधुनिक भारत में इसकी भूमिका के बारे में बातचीत करती है।

देश के बढ़ते स्वास्थ्य संकट (उदाहरण के लिए भारत को दुनिया की मधुमेह राजधानी के रूप में जाना जाता है) और डेयरी, मांस और अन्य पशु उत्पादों की बढ़ती खपत से मजबूत संबंध है। फिल्म में दिखाई देने वाले डॉ. नील बरनार्ड बताते हैं कि शाकाहारी लोग डेयरी और तेल के बढ़ते सेवन के कारण मधुमेह का शिकार हो रहे हैं।

यह फिल्म जनता को वीगन जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करती है जिससे हम विश्व में अहिंसा का प्रचार-प्रसार कर सकते हैं और सभी जीवित प्राणियों की पीड़ा को कम कर सकते है।

‘द लैंड ऑफ अहिंसा’ का निर्माण डॉली व्यास-आहूजा और मयूर आहूजा द्वारा किया गया है और इस फिल्म के कार्यकारी निर्माता शैलेश राव (CowspiracyWhat the Health, और Prayer for Compassion) एवं अभिनेता जेरोम फ्लिन (Game of Thrones और Ripper Street के लिए मशहूर) हैं।

यह फिल्म अगले 90 दिनों के लिए प्लांट बेस्ड न्यूज चैनल पर मुफ्त देखने के लिए उपलब्ध है।

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