PETA साइंस ग्रुप और कोलगेट ने मिलकर वैज्ञानिकों को पशु-मुक्त परीक्षण विधियों की ट्रेनिंग दी
जैसे-जैसे विज्ञान तरक्की कर रहा है, अब ज़रूरत है कि परीक्षणों के लिए पशुओं का इस्तेमाल बंद किया जाए। इसी दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए PETA साइंस कंसोर्टियम इंटरनेशनल ई.वी. (जिसका हिस्सा PETA इंडिया भी है) ने कोलगेट-पामोलिव कंपनी के साथ मिलकर काम किया। दोनों ने मिलकर छह भारतीय वैज्ञानिकों को अमेरिका भेजा, जहाँ उन्हें पशु-मुक्त परीक्षण विधियों की उच्च स्तरीय ट्रेनिंग दी गई। इससे ये वैज्ञानिक इस क्षेत्र में सबसे आगे बने रहेंगे।
इस ट्रेनिंग में सरकारी विभागों, निजी कंपनियों और रिसर्च संगठनों के वैज्ञानिक शामिल हुए। चार दिन तक चले इस कोर्स का मकसद था कि वैज्ञानिक यह सीख सकें कि आज के समय में पशुओं का उपयोग किए बिना परीक्षण कैसे किए जा सकते हैं और इन पशु-मुक्त परीक्षण विधियों को सही तरीके से कैसे अपनाया जाए।
इन वैज्ञानिकों ने सीखा कि बिना किसी पशु को तकलीफ दिए त्वचा और आंखों की जलन या खराबी, त्वचा की एलर्जी, धूप से होने वाले नुकसान और साँस से जुड़ी बीमारियों की जांच कैसे की जाए। इस व्यावहारिक सीख से अब खरगोशों, चूहों, गिनी पिग्स और अन्य मासूम पशुओं को जिंदगी भर लैब में बंद रहने से बचाया जा सकता है।
साल 2019 से अब तक, साइंस कंसोर्टियम ने 100 से ज़्यादा वैज्ञानिकों को इस तरह की ट्रेनिंग में शामिल होने में मदद की है। इसके अलावा, उन्होंने दुनियाभर में कई और प्रोजेक्ट्स को भी सपोर्ट किया है जो पशु-मुक्त परीक्षण विधियाँ अपनाने को बढ़ावा देते हैं।
जैसे-जैसे दुनिया की सरकारी एजेंसियाँ पशु-मुक्त परीक्षण विधियाँ अपनाने लगी हैं, वैसे-वैसे वैज्ञानिकों के लिए यह ज़रूरी हो गया है कि वे इन तरीकों से मिले आंकड़ों को समझें और उनका सही उपयोग करना सीखें। ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम और सहयोग पहले से कहीं ज़्यादा ज़रूरी हो गए हैं।
आप भी पशु-मुक्त परीक्षण विधियाँ अपनाने के इस आंदोलन में शामिल हो सकते हैं — इसके लिए किसी ट्रेनिंग की ज़रूरत नहीं है
पिछले कुछ सालों में इंसानों से जुड़ी, भरोसेमंद और पशु-मुक्त तरीके से की जाने वाली टेस्टिंग ने विषाक्तता जांच की दुनिया बदल दी है। लेकिन अभी काफी कुछ किया जाना बाकी है। आप भी PETA इंडिया के साथ जुड़कर ऐसे आधुनिक विज्ञान की माँग करें जो सभी जीवों के लिए करुणामय और सुरक्षित हो।
पशु-मुक्त वैज्ञानिक परीक्षणों के लिए हमारी मुहिम का हिस्सा बनें