“बर्ड फ़्लू” के मद्देनज़र PETA इंडिया का ‘गो वीगन’ बिलबोर्ड अभियान

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कोविड 19 के साथ-साथ अब बर्ड फ्लू भी मानव स्वास्थ्य के लिए बड़ा ख़तरा बन गया है। पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया ने इन्सानों एवं मुर्गियों की जान बचाने के लिए भोपाल, चंडीगढ़, दिल्ली, मुंबई और तिरुवनंतपुरम में मुर्गियों की हत्या को दर्शाते बिलबोर्ड लगाकर लोगों को इस जानलेवा बीमारी के खिलाफ़ जागरूक करते हुए मांस का त्याग करने की अपील की है।

लाजपत नगर मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 5 के पास, फिरोज़ गांधी रोड, ब्लॉक आई, लाजपत नगर, दिल्ली

दादर सेंट्रल रेलवे स्टेशन के सामने, कोहिनूर बिल्डिंग, दादर ईस्ट, मुंबई

ट्रिब्यून चौक, फेस 11, सेक्टर 49, चंडीगढ़

 

ज्योति टॉकीज, ज़ोन-I, महाराणा प्रताप नगर, भोपाल

 

थम्पानूर जंक्शन, थम्पानूर, थिरुवंथपुरम

 

bird flu go vegan billboard

अब तक भारत में H5N1 और H5N8 नामक “बर्ड फ्लू” के दो प्रकार पाए गए हैं और विश्व स्वास्थ्य संगठन ((WHO) के अनुसार, मनुष्यों में H5N1 की मृत्यु दर 60 प्रतिशत तक है। WHO के अनुसार किसी बीमार या मरे हुए पक्षी और गलत व्यंजन विधियों द्वारा इस संक्रमण के फैलने का बड़ा ख़तरा है। PETA इंडिया की जांच में यह सामने आया है कि “मुर्गी पालन केन्द्रों” एवं चिकन मांस मंडियों में मरे हुए या मरने की स्थिति वाले मुर्गों का मिलना बहुत आम है।

वीगन जीवनशैली अपनाकर न केवल जानलेवा बीमारियों के प्रसार को रोका जा सकता है बल्कि जानवरों को भी गहन पीड़ा से बचाया जा सकता है। वर्तमान समय के मांस, अंडा और डेयरी उद्योग में सैंकड़ों, हजारों एवं लाखों की तदात में जानवरों को बड़े बड़े गोदामों में तंग पिंजरों में कैद करके खा जाता है। सचेत अवस्था में होने के बावजूद मुर्गों की गर्दनें काट दी जाती हैं, बछड़ों को जबरन खींचकर उनकी माताओं से अलग कर दिया जाता है, छोटे सूअरों को बिना कोई दर्द निवारक दिये बधिया किया जाता हैं और मछलियों के  जिंदा रहते ही उनकी शरीर को काट दिया जाता है।

वीगन जीवनशैली अपनाने में मदद करने हेतु PETA इंडिया मुफ्त वीगन स्टार्टर किट भी प्रदान करता है।

वीगन बनकर आप बर्ड फ़्लू को रोक सकते हैं