PETA इंडिया ने ऐतिहासिक पहली साउथ पोल चंद्रमा लैंडिंग के जश्न में इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) को रॉकेट के आकार का वीगन केक भेंजा

Posted on by Erika Goyal

PETA इंडिया द्वारा विश्व ऐतिहासिक पहली साउथ पोल चंद्रमा लैंडिंग के जश्न में और गगनयान परियोजना के लिए किसी पशु के बजाय एक ह्यूमनॉइड रोबोट को अंतरिक्ष में भेजने का विकल्प चुनकर पशु परीक्षण के खिलाफ खड़े होने के लिए इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) को उपहार स्वरूप एक रॉकेट के आकार का वीगन केक भेंजा गया है। इस केक को चॉकलेट ट्रफल और नीली बटरक्रीम से बनाया गया जो पूरी तरह से वीगन (अंडा और डेयरी मुक्त) है।

अंडे के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मुर्गियां इतने छोटे व तंग पिंजरों में कैद करके रखी जाती हैं कि वे एक पंख भी नहीं फैला पाती। मछलियों को समुद्र से निकाल कर जिंदा तड़फने के लिए मछली पकड़ने वाली नावों के डेक पर फेंक दिया जाता है और सचेत अवस्था में होने के दौरान बिना किसी तरह की बेहोशी की दवा दिये उनके अंगों को काट दिया जाता है। नर चूजे आगे चलकर अंडे नहीं दे पाएगे इसलिए अंडा उद्योग में उन्हें बेकार मानकर मौत के घाट उतार दिया जाता है और उसी तरह से डेयरी उद्योग में नर बछड़ों को बेकार मानकर उनकी माताओं से अलग करके उन्हें भूखे प्यासे मरने के लिए छोड़ दिया जाता है।

इसके अलावा, मांस और अन्य पशु-व्युत्पन्न खाद्य पदार्थ के सेवन को हृदय रोग, स्ट्रोक, मधुमेह, कैंसर और मोटापे जैसी गंभीर बीमारियों से जोड़कर देखा गया है, जबकि भोजन के लिए जानवरों को पालना और मारना SARS, बर्ड फ्लू, स्वाइन फ्लू, इबोला, HIV और संभवतः कोविड-19 सहित कई जूनोटिक रोगों से जुड़ा हुआ है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला है कि जलवायु आपदा के सबसे बुरे प्रभावों से निपटने के लिए वीगन जीवनशैली की ओर एक वैश्विक बदलाव आवश्यक है।

क्या आप भी प्रेरित महसूस कर रहे हैं? आज ही वीगन जीवनशैली अपनाएं