PETA इंडिया एवं उत्तर प्रदेश वन विभाग ने मिलकर कई हफ़्तों से बंदी बनाकर रखे गए लंगूर का रेसक्यू किया

Posted on by Anahita Grewal

एक स्थानीय निवासी से एक ग्रे लंगूर, जिसे आमतौर पर हनुमान लंगूर के रूप में जाना जाता है,  के बारे में जानकारी मिलने के बाद पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया ने तत्काल उत्तर प्रदेश वन विभाग की मदद से लंगूर का रेसक्यू किया। इस लंगूर को गैर कानूनी तरीके से एक अवसीय सोसाइटी में पिछले दो हफ्तों से बिना पर्याप्त भोजन पानी के एक पेड़ से बांधकर रखा गया था। यह लंगूर भोजन के तलाश में इस सोसाइटी में आया था जिसे यहाँ के स्थानीय निवासियों ने एक पेड़ से बांध दिया।

रेसक्यू के बाद उसके स्वास्थ की जांच कर पशु चिकित्सकों ने उसे स्वस्थ घोषित कर दिया जिसके उपरांत वन विभाग ने उसे उसके प्रकर्तिक निवास यानि जंगल में आज़ाद छोड़ दिया। वन विभाग अधिकारियों ने सोसाइटी के निवासियों को इस मामले को अपने हाथ में लेने और इसके संभावित कानूनी परिणामों के बारे में चेतावनी देते हुए भविष्य में इस तरह के स्थिति होने पर तत्काल वन विभाग से संपर्क करने के लिए कहा।

जंगलों में रहने वाले हनुमान लंगूर 100 से अधिक के समूहों में रहते हैं। वह अपना अधिकांश समय खेलने, लालन पालन या फिर सामाजिक गतिविधियों में व्यतीत करते हैं। परिवार के सदस्य हमेशा संभावित खतरों पर नजर रखते हैं और संकट प्रतीत होने पर वह तुरंत अपने परिजनों की सुरक्षा करते हैं।

PETA इंडिया यह इंगित करता है कि भारतीय ग्रे लंगूर (सेंनोपोथिकु सजक्स) “वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972” के तहत एक संरक्षित प्रजाति है और इस प्रजाति का शोषण करना या उन्हें पालतू जानवर के रूप में कैद करके रखना न सिर्फ नैतिक रूप से गलत है बल्कि वन्यजीव संरक्षण कानून 1972 के तहत इस अपराध हेतु सात साल तक कारावास और कम से कम 10,000 रुयपये जुर्माने की सज़ा है।

जानवरों के साथ क्रूरता होते देखें या उनसे जुड़ी किसी भी तरह की आपात स्थिति की रिपोर्ट करने के लिए कृपया PETA इंडिया को 9820122602 पर कॉल करें।

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