मुर्गीपालन व्यवसाय में नर चूज़ों की क्रूर एवं गैरकानूनी हत्याओं के खिलाफ जम्मू सरकार कार्यवाही करेगी।

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मुर्गी पालन व्यवसाय में नर एवं अवांछित कमजोर चूज़ों की क्रूर हत्याओं के खिलाफ PETA इंडिया से मिली शिकायत पर कार्यवाही करते हुए जम्मू क्षेत्र के पशुपालन विभाग के निदेशक ने आदेश जारी कर कहा है की मुर्गीपालकों द्वारा इस तरह की क्रूर हत्याएँ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 का उलंघन हैं व दंडनीय अपराध हैं। इसके अनुसार निदेशक महोदय द्वारा जारी किए गए आदेश में मुख्य पशुपालन अधिकारियों को निर्देश दिये गए हैं की क्षेत्र के समस्त मुर्गी पालन केन्द्रों को निर्देश दिया जाये की वह इन चूज़ों की क्रूर एवं बर्बर हत्याओं की जगह भारत के जीव जन्तु कल्याण बोर्ड (AWBI) तथा लॉ कमीशन ऑफ इंडिया (LCI) द्वारा मान्य की गयी तकनीके का इस्तेमाल करें। नर चूजे आगे चलकर अंडे नहीं दे सकते इसलिए मांस एवं अंडा उद्योग में आमतौर पर उन्हें बेकार समझा जाता है नर चूज़ों तथा अन्य कमजोर चूज़ों  को, पीसकर, कुचलकर, जलाकर, डुबाकर मारा जाता है या कभी उन्हें मछलियों का भोजन बना दिया जाता है ।

अपनी अपील में PETA इंडिया ने कहा था कि अवांछित चूज़ों को मारने के सामान्य क्रूर तरीके जाहिर तौर पर पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11 (1) (L) का उलंघन करते हैं। PETA समूह ने अनुरोध किया है कि राज्य के मुर्गी पालन केन्द्रों को चूजों की गैरकानूनी तरीकों से हत्याओं की बजाय  OVO लिंग जांच तकनीक जब भी उपलब्ध हो तब उस तकनीक का उपयोग करें। यह नई तकनीक है, जो विदेशों में विकसित की गई और जल्द ही व्यावसायिक रूप से यहाँ भी उपलब्ध होगी, इस तकनीक के माध्यम से शुरुआती चरण में ही नर भ्रूण की जाँच के जा सकेगी व जन्मे हुए चूज़ों  की क्रूर मौत न हो इस हेतु निर्णय लिया जा सकेगा।

आंध्र प्रदेश, हरियाणा, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश, के पशुपालन विभागों ने अपने राज्यों में अनचाहे नर चूज़ों  की क्रूर एवं गैरकानूनी हत्याओं को रोकने हेतु अपने अधीनस्त विभागों को आदेश जारी कर इस पर तत्काल रोक लगाने एवं इस हेतु भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड द्वारा मान्य तकनीकों को अपनाने हेतु निर्देशित किया है। PETA इंडिया के अनुरोध पर नर चूज़ों की अवैध व क्रूर हत्याओं को रोकने हेतु बिहार एवं छत्तीसगढ़ राज्यों ने लिंग निर्धारण जांच हेतु OYO तकनीक (जैसे ही उपलब्ध होगी) को अपनाने का निर्णय लेकर एक ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया है जो अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श है।

जर्मनी ने लिंग निर्धारण तकनीक हेतु  € 5 मिलियन (400 मिलियन रुपये) का निवेश किया है जबकि फ्रांस और स्विटजरलैंड ने भी जीवित नर चूज़ों  की क्रूर हत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठाए हैं, जो आमतौर पर उन देशों में प्रचलित है।

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