एक व्यस्त हाईवे से आपके दिल तक: इन मासूम बच्चों को एक घर चाहिए

Posted on by Erika Goyal

इन नन्हें कुत्ते के बच्चों ने ज़िंदगी की सबसे मुश्किल शुरुआत देखी — किसी ने उन्हें दिल्ली के एक व्यस्त हाईवे पर अकेला छोड़ दिया, जब इन्हें इस दुनिया में आए चंद हफ्ते ही हुए थे। तेज़ रफ्तार गाड़ियों के बीच, डर और ठंड में काँपते हुए ये ज़िंदगी के लिए जूझ रहे थे। लेकिन कुछ संवेदनशील राहगीरों ने इन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया। उन्होंने PETA इंडिया को बुलाया, और हमारी इमरजेंसी टीम वक्त रहते वहाँ पहुँच गई। इन बच्चों को गोद में उठाकर जब हमारे स्टाफ ने सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया, तो उनकी काँपती रूहों को पहली बार लगा — कोई है जो इनकी परवाह करता है।

अब ये कुत्ते के बच्चे साढ़े तीन महीने के हो चुके हैं और अपने जीवन का अगला सुंदर अध्याय शुरू करने के लिए तैयार हैं — एक ऐसे घर में, जहाँ उन्हें सच्चा अपनापन और स्थायी प्यार मिले। ये पूरी तरह स्वस्थ हैं, खेलने-कूदने की शौकीन हैं और इंसानों, दूसरे कुत्तों और यहाँ तक कि बिल्लियों के साथ भी खूब घुल-मिल जाती हैं! इनका डिवॉर्मिंग हो चुका है और जल्द ही इनके शुरुआती टीके भी लगाए जाएंगे।

PETA इंडिया इनकी नसबंदी और बाकी वैक्सीनेशन का पूरा खर्च उठाएगा — हमें सिर्फ इतना चाहिए कि कोई इन्हें सच्चे दिल से अपनाए। अगर आप इस दुनिया में किसी एक मासूम को नया जीवन देना चाहते हैं, तो यह आपके लिए एक अच्छा मौका है। कृपया हमें [email protected] पर ईमेल करें या 9871437382 पर कॉल करें। हम इन्हें दिल्ली से एक दिन की ट्रेन यात्रा या उचित दूरी तक आपके पास पहुँचाने की व्यवस्था भी कर सकते हैं।

जब आप किसी बेसहारे पशु को घर देते हैं, तो वो सिर्फ उनके लिए एक नई शुरुआत नहीं होती — वो आपके लिए भी एक नई शुरुआत बन जाती है। घर में उनकी मौजूदगी हर दिन को थोड़ा और बेहतर बना देती है, हर उदासी को थोड़ा और हल्का। हर बार जब कोई व्यक्ति किसी पालतू पशु को खरीदता है तो एक बेसहारा पशु की बेहतर ज़िंदगी से उम्मीद छिन जाती है। लेकिन जब आप गोद लेते हैं, तो आप एक जीवन बचाते हैं — और बदले में, एक नन्हा सा दिल आपके लिए ज़िंदगी भर का प्यार लेकर आता है।

याद रखिए, एक कुत्ते के बच्चे को गोद लेना सिर्फ उसका जीवन नहीं बदलता — वह आपका जीवन भी पहले से ज़्यादा प्यारा और संपूर्ण बना देता है।

पशुओं को हमेशा गोद लें – कभी न खरीदें!