PETA इंडिया एवं एक स्थानीय कार्यकर्ता की शिकायत पर कुत्ते को पीट-पीट कर मार डालने वाले संदिग्धों के खिलाफ FIR दर्ज

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यह सूचना मिलने पर कि तीन लोगों ने एक कुत्ते को पीट-पीट कर मार दिया है, PETA इंडिया के आपातकालीन राहत दल ने तत्काल एक स्थानीय पशु अधिकार कार्यकर्ता मनासा प्रिय राव की मदद से स्थानीय पुलिस स्टेशन में संदिग्धों के खिलाफ एफ़आईआर दर्ज करवाई है। कुरनूल पुलिस ने जिन तीन लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की हैं उनमे एक किशोर भी है। दिनांक 11 जनवरी को उक्त संदिग्धों ने एक मादा कुत्ते को डंडों से पीट पीट कर मौत के घाट उतार दिया था। वजह में बताया गया कि उस कुत्ते को इसलिए मार दिया गया क्यूंकि वह पागल थी हालांकि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं।

संदिग्धों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 429 तथा पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के सेक्शन 11 (1)(a) के तहत रिपोर्ट दर्ज हुई है। भारतीय दंड संहिता की धारा 429 किसी जानवर को सताते हुए मौत के घाट उतार देने के संबंध में है जिसके लिए जुर्माने सहित या बिना जुर्माने के 5 वर्ष की जेल की सज़ा का प्रावधान है।

जैसा कि पशु जन्म नियंत्रण (कुत्तों) नियम, 2001 के नियम 10 के तहत अनिवार्य किया गया है- जिन कुत्तों में रेबीज होने की आशंका हो उनसे संपर्क नहीं किया जाना चाहिए बल्कि उनसे एक निश्चित दूरी रखनी चाहिए और उन्हें सुरक्षित एवं मानवीय रूप से पकड़ने के लिए पेशेवर की मदद लेनी चाहिए। उन्हें तब तक निगरानी में रखा जाना चाहिए जब तक कि यह स्पष्ट न हो जाए कि वह रेबीज से मुक्त है। यदि चिकित्सीय रूप से यह स्पष्ट हो जाता है कि जानवर में रेबीज है तो 10 दिनों के अंदर उस जानवर की मृत्यु हो जाती है।

बहुत से अध्ययन यह बताते हैं कि जो लोग पहले जानवरों के साथ क्रूरता करते हैं वह आगे चलकर इन्सानों एवं अन्य जानवरों के लिए भी खतरनाक साबित होते हैं। घरेलू हिंसा की पीडिताओं पर किए गए एक अध्ययन में महिलाओं ने बताया कि उनका साथी उनके साथ दुर्व्यवहार करने से पहले किसी घरेलू या किसी न किसी अन्य जानवर की हत्या कर चुका है। Peta इंडिया पिछले लंबे समय से ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम’ 1960 को मजबूत बनाने के लिए आवाज उठा रहा है, पशुओं के प्रति गठित इस अधिनियम में आज भी पशुओं के खिलाफ अपराध का प्रथम दोषी पाये जाने पर महज़ 50 रुपये जुर्माने की सज़ा का प्रावधान है।

पशुओं पर क्रूरता करने वालों के लिए कठोर दंड की सज़ा की मांग करें