PETA-यूएस वीडियो: ऊन के लिए पीड़ा सहती भेड़ें

Posted on by PETA

ऊन बेचने वाली कंपनियां अपने ब्रांडिंग हेतु “टिकाऊ” या “लोकल” जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर सकती हैं, लेकिन जैसा कि नए वीडियो फुटेज से पता चलता है कि सिर्फ अपने मुनाफे की चिंता करने वालों के लिए पशुओं की जान की कोई कीमत नहीं।

अमेरिका के नेवादा रेगिस्तान में, PETA-यूएस के चश्मदीदों ने कैलिफोर्निया से एक घंटे की दूरी पर एक स्थान पर ऊन कटाई के लिए गाड़ियों में लदी भेड़ों का निरीक्षण किया। इन भेड़ों का उपयोग ‘बेयर रेंच’ नमक कंपनी के द्वारा किया जाता है जो यह दावा करती है की वो इन जानवरों के साथ बड़ी नरमी एवं सम्मान से पेश आते हैं और इन भेड़ों से लोकल ऊन प्राप्त करते हैं

खुद अपनी आंखों से देखिए कि भेड़ों ने कितनी क्रूरता सहन की, और फिर इस तरह के दुरुपयोग को रोकने में मदद करें।


https://www.youtube.com/watch?v=https://youtu.be/fnyNvzLluCs

श्रमिकों ने डरी सहमी भेड़ों को मारा, पीटा और बुरी तरह घसीटा

‘बेयर रेंच’ के श्रमिकों ने भेड़ों को गाड़ियों में चड़ाते समय मारा, पीटा और बुरी तरह से घसीटा। उन्होंने भेड़ों के सिर और चेहरे पर वार किए, उन्हें एक चप्पू और एक डंडे से मारा, दोनों तरफ लोहे के पाइप से बाड़े के अंदर लगातार आगे बढ़ते रहने के लिए श्रमिक लोहे के पाइप पर लाट मार मर भेड़ों को डरा रहे थे।

गाड़ी में चढ़ने के दर से भेड़ें डर के मारे एक-दूसरे के ऊपर गिर जा रही थी। कुछ भेड़ें अपने घुटनों के बल गिर गई थीं, और कम से कम दो भेड़ों के शरीर पर गहरे जख्म दे जो शायद पिछली बार लापरवाही से उनकी ऊन कतरन के दौरान बन गए थे।

जानवरों को इस बेरहमी के साथ मारना-पीटना, या उनके साथ दुर्व्यवहार करना कभी भी स्वीकार्य नहीं किया जा सकता खासकर ‘बेयर रैंच’ जैसी कंपनियों की ओर से जो खुद को जानवरों का हमदर्द होने का दावा करती है, लेकिन चश्मदीदों ने निरीक्षण के दौरान इस कंपनी के निरीक्षण में पाया कि जानवरों के साथ बार-बार इस तरह का दुर्व्यवहार किया जा रहा था।

 

डरी सहमी भेड़ों को गर्दन में बंधे पट्टे से उठाकर जमीन पर पटक दिया गया

तीन भेड़ें जो झूंड से अलग हो गई थीं श्रमिक एवं कुत्ते उनकी ताश में लगे थे। दो भेड़ें बुरी तरह थक चुकी थी, झुंड से अलग हुई भेड़ों का पीछा करके उनको गर्दन में बंधी रस्सी से घसीट कर जमीन पर पटक दिया गया। ‘बेयर रेंच’ के सह-मालिक ने कहा कि श्रमिक तीन भेड़ों को पकड़ने के लिए “समय बर्बाद कर रहे थे” उन जानवरों को वहीं रेगिस्तान में मरने के लिए छोड़ दिया जाना चाहिए था।

ऊन उद्योग पर्यावरण को भी नुक्सान पहुँचा रहा है।

आंकड़े बताते हैं कि ऊन उत्पादन से होने वाले ग्रीनहाउस-गैस उत्सर्जन के कारण, ऊन दूसरे उपलब्ध सिंथेटिक और अन्य शाकाहारी उत्पादों के मुकाबले जलवायु परिवर्तन पर अधिक बुरा प्रभाव डालती है।

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि भेड़ पालन के लिए कौन से तरीकों का उपयोग किया जाता है। यह वे कभी भी टिकाऊ नहीं होते हैं। ऊन के विकल्प के तौर पर जैविक कपास, नारियल फाइबर, पेड़ के फाइबर, रिसाइकल्ड बोतलें, बायोडिग्रेडेबल कैमरेल और पटसन सहित कई पर्यावरण के अनुकूल वीगन विकल्प उपलब्ध हैं। पटसन/जूट भी कार्बन-नकारात्मक है, यानी कि यह वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड खींचता है.

भेड़ों को आपकी मदद चाहिए

धरती पर “मानवीय” ऊन जैसी कोई चीज नहीं है। PETA-यूएस ने अब तक चार महाद्वीपों पर 100 ऊन उधोगों पर 12 निरीक्षण रिपोर्ट जारी की हैं, जिसमें खुलासा किया गया है कि ऊन के लिए भेड़ों को भारी पीड़ा एवं क्रूरता का सामना करना पड़ता है अक्सर ऊन कतरन के दौरान उनकी खाल तक नुच जाती है।

कृपया कभी भी ऊन न खरीदने का संकल्प लें।

ऊन के बने वस्त्र या कंबल खरीदने से पहले उन पर लगे लेबल की जांच करें। यदि किसी लेबल पर “ऊन” लिखा मिलता है, तो कृपया भेड़ों की जिंदगी एवं इस  दुनिया के लिए उस उत्पाद को न खरीदें.

Forever 21 को बताएं वो ऊन कतरन के नाम पर क्रूरता करना बंद करें

वीगन उत्पाद की बिक्री करने वाली कंपनियों की सूची यहाँ देखें