PETA इंडिया ने दुर्व्यवहार एवं प्रताड़ना सहने वाली हथिनी जेमाल्याथा को रिहा करने की मांग की, शिकायत के बाद उसके साथ दुर्व्यवहार करने वाला गिरफ्तार

Posted on by Sudhakarrao Karnal

हाल ही में एक वीडियो में नजर आया था कि एक महावत जेमाल्याथा नाम की एक हथिनी की क्रूर पिटाई व उसके साथ बदसलूकी कर रहा है, इसके उपरांत PETA इंडिया की शिकायतों और सरकारी संस्था “एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया” के हस्तक्षेप के बाद, उक्त महावत को गिरफ्तार कर लिया गया और जमानत पर रिहा कर दिया गया है। दो अन्य वायरल वीडियो में भी महावत उसे पीटते नजर आ रहे हैं। हाल ही में वायरल इस नए वीडियो में कृष्णन कोविल मंदिर में महावत की पिटाई से उस हथिनी को दर्द से कराहते हुए साफ सुना जा सकता है।

महावत के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 289 तथा 429, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 11 (1) (ए) के तहत FIR दर्ज की गयी थी। सेक्शन 2(16)(सी) जिसे वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम (डब्ल्यूपीए), 1972 की धारा 9 और 51 के साथ पड़ा जाता है, के तहत भी वन्यजीव अपराध रिपोर्ट दर्ज की गई थी। तमिलनाडु कैदी हाथी (प्रबंधन और रखरखाव) नियम, 2011 के नियम 13 के साथ पंजीकृत किया गया था, जुलाई माह में श्रीविल्लीपुथुर वन रेंज में यह रिपोर्ट दर्ज कराई गयी।

श्रीविल्लीपुथुर नचियार थिरुकोविल मंदिर ने कथित तौर पर एक दशक से अधिक समय से जेमाल्याथा नामक हथिनी को अवैध रूप से कैदी बनकार रखा गया है, क्योंकि छह महीने की लीज समाप्त होने के बाद उसे कभी भी असम वन विभाग में वापस नहीं किया गया था। पहला वीडियो, जो फरवरी 2021 में सामने आया था उसमे देखा गया कि जेमाल्याथा को एक कायाकल्प शिविर में महावटों द्वारा पीटा जा रहा है जिसके उपरांत कार्यवाही करते हुए तमिलनाडु के हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग ने उक्त दोनों महावतों को निलंबित कर दिया था। तमिलनाडु के वन विभाग ने उन पर तमिलनाडु कैदी हाथी (प्रबंधन और रखरखाव) नियम, 2011 के नियम 13 और WPA, 1972 की धारा 51 के तहत मामला दर्ज किया था। इन कार्यवाहियों के बावजूद अब हाल ही में आए दूसरे वीडियो में देखा जा सकता है कि जेमाल्याथा के साथ दुर्व्यवहार में कोई कमी नहीं आयी व नए महावत भी उस पर लगातार  जुल्म कर रहे हैं।

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