PETA इंडिया द्वारा मेघालय के पर्यावरण मंत्री को अनानास-चमड़े की योजना के लिए पुरस्कृत किया गया

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PETA इंडिया की ओर से मेघालय के वन और पर्यावरण मंत्री जेम्स संगमा को उनकी नई योजना हेतु पुरस्कृत किया गया जिसके अंतर्गत उन्होंने वीगन चमड़े के उत्पादन को प्रोत्साहन देकर स्थानीय किसानों की मदद करने का प्रस्ताव दिया। यह एक ऐसा कदम जो जानवरों और पर्यावरण दोनों के संरक्षण हेतु बिल्कुल ठीक है। मेघालय में जलवायु परिवर्तन संग्रहालय खोलने और स्कूल पाठ्यक्रम में जलवायु परिवर्तन को शामिल करने की भी योजना बन रही है।

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, पशु कृषि (जिसमें कपड़ों के लिए मारे जा रहे जानवर शामिल है) मानव जाति द्वारा किए जाने वाले ग्रीनहाउस-गैस उत्सर्जन के लगभग पांचवें हिस्से के लिए जिम्मेदार है। चमड़े के लिए इस्तेमाल होने वाली गायों, भैंसों और अन्य जानवरों की खाल को सड़ने से बचाने के लिए, चमड़े के कारखाने में विभिन्न प्रकार के खतरनाक और जहरीले रसायनों का उपयोग किया जाता है जिसके कारण जलमार्ग व्यापक स्तर पर प्रदूषित होते है।

चमड़ा उद्योग बड़े पैमाने पर जानवरों के लिए भी हानिकारक है। चमड़ा उद्योग में प्रयोग होने वाले जानवरों को परिवहन हेतु गाड़ियों में इस तरह से ठूस ठूसकर भरा जाता है कि रास्ते में ही उनकी हड्डियाँ टूट जाती हैं और फिर उन्हें बेहद क्रूर ढंग से घसीट कर गाड़ियों से नीचे उतारा जाता है। जो जानवर इस क्रूरता के बाद भी जिंदा रहते हैं उन्हें बूचड़खानों में बिना बेहोश किए कर्मचारियों द्वारा खुले में अन्य साथी जानवरों के सामने ही पशु का गला काट दिया जाता है।

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