“बर्ड फ़्लू” के मद्देनज़र PETA इंडिया का ‘गो वीगन’ बिलबोर्ड अभियान

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20 January 2021

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Dr Kiran Ahuja; [email protected]

कोविड 19 के साथ-साथ अब बर्ड फ्लू भी मानव स्वास्थ्य के लिए बड़ा ख़तरा बन गया है। पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया ने इन्सानों एवं मुर्गियों की जान बचाने के लिए भोपाल, चंडीगढ़, दिल्ली, मुंबई और तिरुवनंतपुरम में मुर्गियों की हत्या को दर्शाते बिलबोर्ड लगाकर लोगों को इस जानलेवा बीमारी के खिलाफ़ जागरूक करते हुए मांस का त्याग करने की अपील की है। भोपाल में PETA इंडिया का यह बिलबोर्ड ज्योति टॉकीज, ज़ोन-I, महाराणा प्रताप नगर में लगाया गया है।

PETA इंडिया की वीगन आउटरीच कॉर्डिनेटर डॉ. किरण आहूजा ने कहा, “भोजन हेतु जानवरों को बंदी बनाने और उनकी हत्या करने के कारण कई जानलेवा महामारियाँ फैली हैं और इन बीमारियों से न केवल जानवरों को बल्कि इस दुनिया के हर मनुष्य को ख़तरा है। PETA इंडिया सबसे अनुरोध करता है कि इस भीषण महामारी  से अपनी और दूसरों की रक्षा करने के लिएमांस का बहिष्कार करें।”

अब तक भारत में H5N1 और H5N8 नामक “बर्ड फ्लू” के दो प्रकार पाए गए हैं और विश्व स्वास्थ्य संगठन ((WHO) के अनुसार, मनुष्यों में H5N1 की मृत्यु दर 60 प्रतिशत तक है। WHO के अनुसार किसी बीमार या मरे हुए पक्षी और गलत व्यंजन विधियों द्वारा इस संक्रमण के फैलने का बड़ा ख़तरा है। PETA इंडिया की जांच में यह सामने आया है कि “मुर्गी पालन केन्द्रों” एवं चिकन मांस मंडियों में मरे हुए या मरने की स्थिति वाले मुर्गों का मिलना बहुत आम है।

वीगन जीवनशैली अपनाकर न केवल जानलेवा बीमारियों के प्रसार को रोका जा सकता है बल्कि जानवरों को भी गहन पीड़ा से बचाया जा सकता है। वर्तमान समय के मांस, अंडा और डेयरी उद्योग में सैंकड़ों, हजारों एवं लाखों की तदात में जानवरों को बड़े बड़े गोदामों में तंग पिंजरों में कैद करके खा जाता है। सचेत अवस्था में होने के बावजूद मुर्गों की गर्दनें काट दी जाती हैं, बछड़ों को जबरन खींचकर उनकी माताओं से अलग कर दिया जाता है, छोटे सूअरों को बिना कोई दर्द निवारक दिये बधिया किया जाता हैं और मछलियों के  जिंदा रहते ही उनकी शरीर को काट दिया जाता है।

 PETA इंडिया इस सिद्धांत में विश्वास रखता है: “जानवर हमारा भोजन बनने के लिए नहीं है”, और प्रजातिवाद का विरोध करता है। प्रजातिवाद एक ऐसी विचारधारा है जिसमे इंसान स्वयं को इस दुनिया में सर्वोपरि मानकर अपने फायदे के लिए अन्य प्रजातियों का शोषण करना अपना अधिकार समझता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com पर जाएँ या Twitter, Facebook, और Instagram पर हमें फॉलो करें।

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