‘जोकर’ फिल्म पर व्यंगात्मक विज्ञापन बनाने पर PETA इंडिया ने अमूल कंपनी को फटकारा, और बताया की अभिनेता जैकिन फीनिक्स डेयरी उत्पादों के कट्टर विरोधी हैं

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हॉलीवुड अभिनेता और PETA के समर्थक जैकिन फीनिक्स ने जोकर फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का ऑस्कर पुरस्कार को स्वीकार करते हुए भावुक एवं मार्मिक भाषण दिया जिसमें उन्होंने पशु अधिकारों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए डेयरी-उद्योग की क्रूरता की निंदा की। लेकिन अपने उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए डेयरी उद्योग की दिग्गज कंपनी “अमूल इंडिया” ने  बिना किसी जांच पड़ताल के बेहिचक होकर डेयरी उत्पाद के विज्ञापन में ऑस्कर पुरस्कार विजेता का मज़ाक उड़ाया।

अपने भाषण में, इस हॉलीवुड के इस वीगन अभिनेता ने जानवरों के साथ होनेवाली क्रूरता और पर्यावरण के विनाश की निंदा की थी। सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार लेने पर अपनी स्पीच में उन्होने कहा :

“मुझे लगता है कि कई बार हम यह महसूस करते हैं या हमें महसूस कराया जाता है कि हम किसी न किसी क्षेत्र के चैंपियन हैं। लेकिन मेरे लिए हम सब एक बराबर है। मेरा मानना है चाहे हम लैंगिक असमानता की बात करें या जातिवाद या समलैगिंक या जन जातियों के अधिकारों या फिर जानवरों के अधिकारों की बात करें वास्तव में हम अन्याय के खिलाफ लड़ाई के बारे में बात कर रहे हैं। हम उस विश्वास के खिलाफ लड़ाई के बारे में बात कर रहे हैं जो यह मानता है की किसी एक राष्ट्र, एक समाज के लोग, एक जाति, एक लिंग, एक प्रजाति को किसी दूसरे पर हावी होने, उनका उपयोग करने और नियंत्रित करने का अधिकार है।  हम असल दुनिया से बहुत अलग हो गए हैं। हम में से कई लोग एक अहंकारी सोच रखते हैं की इंसान दुनिया में सबसे ऊपर है। हम इस दुनिया के सभी संसाधनों को खुद के लिए समझते है उनका उपभोग करते हैं। हम एक गाय को कृत्रिम रूप गर्भधारण करवाना अपना अधिकार समझते हैं भले ही वो गाय के लिए बेहद असहनीय हो। जब गाय बच्चे को जन्म देती है तो उसके नवजात बच्चे को उससे चुरा लेते हैं। फिर उसके बछड़े के हिस्से के दूध से अपने लिए कॉफी और खाना बनाते हैं। हम खुद को बदलने से डरते है क्यूंकि हमें लगता है की कुछ आदतें छोड़ने के लिए हमें बहुत कुछ बलिदान करना पड़ेगा। लेकिन इंसान की सबसे बड़ी अच्छाई है की वह सबकुछ कर सकता है और मुझे लगता है अगर हम प्यार और करुणा का अनुसरण करें तो हम एक ऐसी प्रणाली विकसित कर सकते हैं जो सभी संवेदनशील प्राणियों और पर्यावरण के लिए फायदेमंद हो।“

अमूल इंडिया के इस भद्दे विज्ञापन पर अब PETA इंडिया ने ट्विटर पर अमूल कंपनी को आड़े हाथ लेते हुए यह जवाब दिया है :

PETA इंडिया के सेलेब्रिटी एंड पब्लिक रिलेशन डायरेक्टर, सचिन बंगेरा ने यह भी Tweet  किया है-

भारत के मांस उद्योग में मांस हेतू मारे जाने वाले पशुओं की आपूर्ति डेयरी क्षेत्र द्वारा की जाती है। नर बछड़े आगे चलकर दूध नहीं दे सकेंगे इसलिए उन्हें बेकार मान कर  उन्हें त्याग दिया जाता है, भूखा प्यासा छोड़ दिया जाता है या फिर मरने के लिए  कत्लखानों को बेच दिया जाता है। जब गायों एवं भैंसों की दूध देने की क्षमता क्षीण हो जाती है  उन्हें मांस एवं चमड़े के लिए मरने हेतु अक्सर बूचड़खाने में भेज दिया जाता है और जबतक उनके हिस्से में मौत नहीं आती तब तक वो अपनी बाकी की जिंदगी कैद में बिताती हैं। कई किसान, दूध की मात्रा बढ़ाने के लिएउन्हे अवैध रूप से ऑक्सीटोसिन के टीके लगते हैं जो प्रसव पीड़ा के सम्मान दर्दनाक होते हैं। PETA इंडिया द्वारा भारत भर में डेयरी फार्मों की जाँच पड़ताल करने पर यह क्रूर सच सामने आया कि, जानवरों को यहाँ नियमित रूप से मारा-पीटा जाता है, उन्हें पशु  चिकित्सा देखभाल से वंचित रखा जाता है, इतना ही नहीं, उन्हें जबरन अपने ही मलमूत्र में खड़ा रखा जाता है।