बढ़ते प्रदूषण के कारण PETA इंडिया ने दिल्ली में पशु-चलित वाहनों पर प्रतिबंध की मांग की

Posted on by Krithika Pradeep

दिल्ली की हवा इस समय वायू गुणवत्ता सूचकांक (Air quality index) पर गंभीर स्तर पर है इसलिए दिल्ली का प्रदूषण भरा वातावरण मनुष्यों के साथ साथ पशुओं के लिए भी खतरनाक साबित हो रहा है। PETA इंडिया ने दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल को तत्काल एक पत्र भेजकर अनुरोध किया है वह अपने मुख्यमंत्री के अधिकारों का प्रयोग करते हुए दिल्ली नगर निगम द्वारा वर्ष 2008 एवं 2009 में पारित किए गए प्रस्ताव जिसमें पशु चलित वाहनों को प्रतिबंधित किया गया था को तत्काल रूप से लागू करते हुए दिल्ली में पशु चलित वाहनों पर रोक प्रतिबंध लगाएँ। पत्र में यह भी आग्रह किया गया है की राजधानी दिल्ली में सभी तरह के पशु चलित वाहन जैसे घोड़ा या बैल गाड़ी पर प्रतिबंध लगाने हेतु हर संभव प्रयास किया जाए व PETA इंडिया द्वारा संचालित दिल्ली मशीनीकरण परियोजना का समर्थन किया जाए। मशीनीकरण परियोजना जिसमे माल ढ़ोने के लिए इस्तेमाल हो रहे बैल, गधे, टट्टू, और घोड़ों की जगह उनके मालिकों को वित्तीय सहायता प्रदान कर उनके पशुओं को कम वजन वाले वाहन या बेट्री चलित वाहनों के साथ बदला जाए। यह निम्न आय के दौर से गुजर रहे सभी पशु मालिकों को बेहतर आजीविका अर्जित करने का अवसर प्रदान करेगा।

PETA इंडिया द्वारा संचालित दिल्ली मशीनीकरण परियोजना के तहत अभी तक 22 बैलगाड़ी एवं घोड़ा मालिकों को उनके पशुओं के बदले बेट्री चलित वाहन प्रदान किए गए हैं व उनके पशुओं को पुनर्वास हेतु सेंक्चुरी में भेजा गया है। जहां उन्हे अब कभी तप्ति धूप में पुरानी दिल्ली की प्रदूषित, शोर, भीड़भाड़ वाली सड़कों पर दर्दनाक तरीकों से माल गाड़ी ढ़ोने से निजात मिल गयी है व आजीवन बेहतरीन देखभाल मिल सकेगी।

बैल, गधा, घोड़ा, और ऊंट जैसे काम करने वाले जानवर वायु प्रदूषण से अत्यधिक प्रभावित होते हैं, क्योंकि वे दिन भर सड़क पर रहते हैं और उन वाहनों से निकलने वाली प्रदूषित हवा में साँस लेते हैं। दिल्ली में, 20 अलग अलग बाज़ारों में लगभग 250 बैलगाड़ियाँ हैं और सात क्षेत्रों में लगभग 150 घोड़े गाड़ियाँ हैं जिनसे माल ढुलाई का काम लिया जाता है। पशु के बीमार या यातायात दुर्घटनों में घायल होने अथवा वातावरण के प्रदूषित होने के बावजूद भी इन पशुओं से लगातार काम लेते हैं। वह चाबुक, दर्दनाक नाक की रस्सियों, और नुकीले बिट्स का उपयोग करते हुए उन्हें ओवरलोडेड गाड़ियों को ढोने के लिए मजबूर करते हैं। मशीनीकरण परियोजना से लाभान्वित होने वाले परिवारों ने बताया कि ई-रिक्शा का उपयोग करने से उनकी कमाई में काफी शानदार वृद्धि हुई है और उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में भी सुधार आया है। PETA इंडिया का लक्ष्य है की दिल्ली सरकार और ई-रिक्शा डीलरों के सहयोग से दिल्ली में मशीनीकरण परियोजना का विस्तार कर इसे पशु-चलित वाहन मुक्त शहर बनाना है।

आप PETA इंडिया को डोनेशन देकर इस लक्ष्य को शीघ्र प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं।

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