PETA इंडिया की शिकायत पर छत्तीसगढ़ सरकार ने घोड़ों में बीमारियों की जांच के आदेश दिये

Posted on by Krithika Pradeep

छत्तीसगढ़ में घोड़ों की जांच के दौरान घोड़ों में घातक बीमारी “ग्लेन्डर” का वायरस पॉज़िटिव पाये जाने के उपरांत PETA इंडिया द्वारा भेजे गए एक तत्काल पत्र पर कार्यवाही करते हुए छत्तीसगढ़ पशु पालन विभाग द्वारा दुर्ग तथा राजनंद गाँव के नगर निगम को पत्र भेजकर तुरंत “नियंत्रित क्षेत्र” घोषित कर उस क्षेत्र में घोड़ों की आवाजाही को प्रतिबंधित करने का आदेश जारी किए हैं। दुर्ग में एक घोडा तथा राजनन्दगाँव में 3 घोड़ों में “ग्लेन्डर” वायरस पॉज़िटिव पाया गया था। समस्त 27 ज़िलो को भेजी गयी अधिसूचना में ज़िला पशुपालन विभागों को घोड़ों की शारीरिक जांच अथवा सीरो-निगरानी कार्यक्रम संचालित करने के आदेश दिये गए हैं। इस आदेश में आगे कहा गया है कि इन क्षेत्रों में “पशुओं में संक्रमण एवं संक्रामक रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण अधिनियम, 2009” को आवश्यक रूप से क्रियान्वित किया जाए।

अपने पत्र में PETA इंडिया ने छत्तीसगढ़ सरकार से अनुरोध किया था कि शादी एवं अन्य समारोह में इन घोड़ों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया जाए जिससे कि घोड़ों में जानलेवा बीमारी ग्लेंडर को मनुष्यों में फैलने से रोका जा सके क्यूंकि शादी विवाह समारोह में यह घोड़े मनुष्यों के संपर्क में आते हैं जिससे रोग हस्तांतरित होने की समभावनाएं बढ़ जाती हैं। PETA इंडिया के इस अनुरोध को छत्तीसगढ़ सरकार ने गंभीरता से लेते हुए इसे जारी किए गए निर्देश में शामिल किया है।

शादियों में इस्तेमाल होने वाले घोड़ों को दर्दनाक मुंह की नुकीली लगाम के द्वारा नियंत्रित किया जाता है तथा वह आमतौर पर कुपोषित, चोटिल, भूखे एवं प्यासे रहकर मीलों तक भारीभरकम गाड़ियों को खींचते हैं। लेकिन अब छत्तीसगढ़ की जनता भी उस जानलेवा बीमारी के खतरे में आ गयी है जो इन घोड़ों से फैलती है। यदि शादी विवाह समारोह में घोड़ों का इस्तेमाल जारी रहा तो ग्लेंडर को जल्द ही हनीमून बीमारी के रूप में जाना जाएगा।