PETA इंडिया ने कोविड-19 के दौरान घरेलू तथा बेघर पशुओं से संबंधित आवश्यक सवालों का जवाब दिया

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12 May 2021

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Dr Rashmi Gokhale; [email protected]

Hiraj Laljani ; [email protected]

मुंबई – “क्या मुझे अपने कुत्ते से कोविड-19 हो सकता है?” वर्तमान में, पूरे देश में कोविड-19 संक्रमण तेज़ी से फैलने के दौरान यह प्रश्न पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया से सबसे ज़्यादा पूछा जाता है। आमतौर पर पूछे जाने वाले ऐसे सभी प्रश्नों को ध्यान में रखकर PETA इंडिया द्वारा कोविड-19 एवं घरेलू तथा बेघर पशु – आपके सवालों के जवाब दिए गए हैं।

  • क्या मुझे अपने कुत्ते या बिल्ली से COVID 19 के संक्रमण का खतरा है ? विश्व पशु स्वास्थ संगठन (OIE) के अनुसार, “आज तक इस तथ्य का कोई सबूत नहीं मिला है कि घरेलू या सामुदायिक पशु इस बीमारी के प्रसार हेतु जिम्मेदार हैं।“ COVID 19 के भारत में फैलने का मुख्य कारण मनुष्य का मनुष्य से संपर्क में आना है और बहुत कम मामलों में यह वायरस अपने संक्रमित संरक्षणदाताओं से साथी कुत्तों या बिल्लियों में फैला है। जानवरों से मनुष्यों में संक्रमण फैलने का कोई मामला अब तक सामने नही आया है।
  • कोविड-19 से ग्रसित होने की स्थिति में हमें अपने साथी कुत्ते या बिल्ली के साथ क्या करना चाहिए? कोविड-19 के लक्षणों का सामना करने वाले या इस बीमारी से पॉज़िटिव व्यक्ति को अपने घर के किसी अन्य नेगेटिव और विश्वसनीय सदस्य या दोस्त से कुछ दिनों के लिए अपने साथी जानवर की देखभाल करने का अनुरोध करना चाहिए। इसका प्रमुख कारण है कि इस बीमारी से ग्रसित लोग अत्याधिक शारीरिक कमज़ोरी का सामना करते हैं और इसी कारण वह संभवतः अपने साथी जानवर की उचित देखभाल न कर सके। इससे मनुष्यों से जानवरों में संक्रमण फैलने के बेहद कम ख़तरे को भी पूरी तरह से समाप्त किया जा सकता है।
  • क्या मैं बेघर जानवरों को भोजन दे सकता हूँ? हाँ! बेघर जानवर अपने भोजन के लिए, विभिन्न होटलों से निकलने वाले बचे हुए खाने पर निर्भर करते हैं और लॉकडाउन के दौरान अगर उन्हें खाना नहीं दिया गया तो वह भूख-प्यास से मर भी सकते हैं। कोई भी व्यक्ति बुनियादी सुरक्षा प्रावधानों का पालन करते हुए जैसे मास्क लगाना, दूसरों से सामाजिक दूरी का पालन करना और समय-समय पर हाथ धोकर या सैनिटाइज़ करके बेघर जानवरों को भोजन और पानी दे सकता है।
  • क्या मैं अपने साथी कुत्ते को बाहर सैर पर ले जा सकता हूँ? ऐसे कोई भी व्यक्ति जिसमें कोविड-19 के लक्षण न हो या जो इस बीमारी से ठीक होकर 14 दिनों की अनिवार्य क्वारंटीन अवधि पूरी कर चुका हो वह स्थानीय लॉकडाउन नियमों एवं बुनियादी सुरक्षा प्रावधानों का पालन करते हुए जानवरों को बाहर सैर पर ले जा सकता है।
  •  ऐसे साथी जानवर के लिए क्या करना चाहिए जिसके पूरे संरक्षक परिवार की मृत्यु हो गई हो? जानवरों को संरक्षण प्रदान करने वाले हर परिवार को अपने साथी जानवर के भविष्य की योजना ज़रूर बनानी चाहिए। लेकिन अगर ऐसा करे बिना परिवार पर कोविड का कहर टूट गया है तो परिवार के सगे संबंधियों या दोस्तों को साथी जानवर को गोद लेने के लिए आगे आना चाहिए। ऐसा आपको पूर्ण इच्छा के साथ तभी करना चाहिए अगर आपके पास अपने साथी जानवर को देने के लिए समय, प्यार और अपनापन हो या फिर आप इस जानवर के लिए किसी अन्य उचित घर की तलाश भी कर सकते हैं।
  • क्या मुझे अपने साथी कुत्ते या बिल्ली के मुंह पर मास्क लगाना चाहिए? आपको कभी भी अपने साथी कुत्ते या बिल्ली के मुंह पर मास्क नहीं लगाना चाहिए। इससे उन्हें सांस लेने में कठिनाई हो सकती है और जानवरों को मास्क लगाने का कोई औचित्य भी नहीं है।
  • किसी को पशुओं के साथ अत्याचार करते देख मुझे क्या कार्यवाही करनी चाहिए? कृपया PETA इंडिया के आपातकालीन नंबर (0) 98201 22602 पर संपर्क करें।

PETA इंडिया में पशुओं की आपतकालीन सेवाओं की मैनेजर डॉ. रश्मि गोखले ने कहा, “कुत्ते और बिल्लियाँ हर प्रकार से मनुष्यों पर आश्रित हैं और इस कठिन समय में उन्हें हमारे सहयोग की सबसे अधिक आवश्यकता है। PETA इंडिया सभी से अनुरोध करता है कि वह सुनिश्चित करें कि उनके साथी जानवरों को जीवनभर प्यार एवं संरक्षण मिले और इस संघर्षपूर्ण समय में बेघर जानवरों को भी हर उचित मदद मिल सकें।“

 PETA इंडिया OIE द्वारा कहे गए इस तथ्य का मजबूती से समर्थन करता है कि, “ऐसा कोई भी कदम उठाना पूरी तरह से गलत है जो जानवरों के कल्याण के साथ समझौता करता हो अर्थात कोविड-19 के डर के कारण अपने साथी कुत्ते या बिल्ली को लावारिस छोड़ देना या उनकी सुरक्षा के साथ समझौता करना बिल्कुल गलत है। ऐसा करना “पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960” के अंतर्गत दंडनीय अपराध है।

PETA इंडिया इस सिद्धांत के तहत कार्य करता है कि “जानवर किसी भी प्रकार से हमारा दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं है”, प्रजातिवाद का विरोध करता है क्यूंकि यह मनुष्य की वह वर्चस्ववादी सोच है जिसमें वह स्वयं को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ मानकर अपने फ़ायदों के लिए दूसरी अन्य प्रजातियों के शोषण करने को सही मानता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com पर जाएँ

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