राचाकोंडा में पाँच कुत्तों को ज़हर दिया गया, चार की मौत – PETA इंडिया की मदद से FIR दर्ज

Posted on by Shreya Manocha

पाँच समुदायिक कुत्तों को ज़हर देने की घटना की सूचना मिलने पर PETA इंडिया ने स्थानीय देखभालकर्ता श्री आर. दिनेश वसंत के साथ मिलकर यह सुनिश्चित किया कि अदिबतला पुलिस स्टेशन द्वारा तुरंत प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की जाए। यह घटना 20 जून को राचाकोंडा के श्री श्री एरोसिटी, अदिबतला में हुई। यह FIR भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 325 और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम (PCA), 1960 की धारा 11(1) के अंतर्गत दर्ज की गई। पाँच में से एक कुत्ता श्री वसंत की तत्परता के कारण बच पाया, जिन्होंने उसे समय रहते पशु चिकित्सा सहायता दिलवाई। पुलिस के निर्देशानुसार एक मृत कुत्ते का पोस्टमॉर्टम कराया गया, जबकि शेष कुत्तों के शवों का निस्तारण कर दिया गया।

 

BNS, 2023 की धारा 325 के अनुसार किसी भी पशु को विकृत करना, मारना या ज़हर देना संज्ञेय अपराध है, जिसकी सज़ा पाँच साल तक की कैद, जुर्माना या दोनों हो सकती है।

जो लोग पशुओं के प्रति क्रूरता करते हैं, वे अक्सर आगे चलकर मनुष्यों को भी नुकसान पहुँचाते हैं। सभी की सुरक्षा के लिए यह आवश्यक है कि आमजन इस तरह की पशु क्रूरता की घटनाओं की सूचना तुरंत पुलिस को दें। हम आदिबतला पुलिस स्टेशन के उप-निरीक्षक श्री बालराजु को त्वरित FIR दर्ज करने और यह स्पष्ट संदेश देने के लिए सराहना करते हैं कि पशुओं के प्रति क्रूरता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

PETA इंडिया की सिफारिश है कि पशु क्रूरता करने वालों का मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन किया जाए और उन्हें परामर्श दिया जाए, क्योंकि ऐसे कृत्य गंभीर मानसिक अस्थिरता की ओर संकेत करते हैं। शोध से पता चला है कि जो लोग पशुओं के खिलाफ क्रूरता करते हैं, वे अक्सर दोहराए जाने वाले अपराधी होते हैं और आगे चलकर अन्य पशुओं व मनुष्यों को भी नुकसान पहुंचाते हैं। Forensic Research & Criminology International Journal में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि “जो लोग पशु क्रूरता में शामिल होते हैं, उनके अन्य अपराध करने की संभावना तीन गुना अधिक होती है, जिसमें हत्या, बलात्कार, डकैती, हमला, उत्पीड़न, धमकी और नशीली दवाओं/मादक द्रव्यों का सेवन शामिल है।”

PETA इंडिया लंबे समय से पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 (PCA अधिनियम) को सशक्त बनाने की मांग करता रहा है। इस अधिनियम में आज भी पुराने और अपर्याप्त दंड निर्धारित हैं, जैसे कि पहली बार दोषी पाए जाने पर अधिकतम ₹50 का जुर्माना (हालांकि भारतीय न्याय संहिता, 2023 में अब कड़े दंड निर्धारित किए गए हैं)। इस अधिनियम में संशोधन हेतु केंद्र सरकार को भेजे गए प्रस्ताव में PETA इंडिया ने पशु क्रूरता के लिए दंडों में भारी वृद्धि की सिफारिश की है।

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