पशुओं के प्रति क्रूरता पर लगाम कसने के लिए पुणे पुलिस ने PETA इंडिया को कार्यशाला आयोजित करने के लिए आमंत्रित किया
अपराध के हर रूप को रोकने के लिए सजग पुणे पुलिस ने एक अहम कदम उठाया है। 16 अप्रैल को पुणे सिटी पुलिस के सभी थानों के अधिकारी आगारकर नगर स्थित पुलिस आयुक्तालय में एकत्रित हुए, जहाँ PETA इंडिया द्वारा पशु अधिकारों और कानूनों पर आधारित एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस पहल को पशु-अधिकार कार्यकर्ता एडवोकेट सुमेध गायकवाड़ का समर्थन प्राप्त था और कार्यक्रम का संचालन संयुक्त पुलिस आयुक्त श्री रंजन कुमार शर्मा, IPS के नेतृत्व में हुआ।
इस तीन घंटे की कार्यशाला में, करीब 100 पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया, जिनमें कॉन्स्टेबल से लेकर निरीक्षक स्तर तक के कर्मी शामिल थे। इस सत्र में उन्हें पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 (PCA), वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 (2022 के संशोधनों सहित), भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 और पशुओं से जुड़े अन्य प्रासंगिक कानूनों की जानकारी दी गई।
2011 से 2021 के बीच भारत में पशुओं के साथ होने वाली क्रूरता की गंभीर स्थिति को उजागर करते हुए, फेडरेशन ऑफ इंडियन एनिमल प्रोटेक्शन ऑर्गनाइज़ेशन्स (FIAPO) की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि इस अवधि में करीब 5 लाख पशु, जिनमें कुत्ते और गायें प्रमुख रूप से शामिल हैं, किसी न किसी प्रकार की हिंसा या अपराध का शिकार बने।
PETA इंडिया का मानना है कि पशुओं के प्रति क्रूरता करने वालों की मनोदशा का मूल्यांकन और काउंसलिंग आवश्यक है, क्योंकि ऐसे कृत्य किसी मानसिक विकृति या गहराई तक छिपी हिंसक प्रवृत्ति को दर्शाते हैं। शोध से यह स्पष्ट हुआ है कि जो लोग पशुओं के खिलाफ क्रूरता करते हैं, वे अक्सर आगे चलकर अन्य पशुओं और मनुष्यों को भी हानि पहुंचाने की प्रवृत्ति रखते हैं। फोरेंसिक रिसर्च एंड क्रिमिनोलॉजी इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि “जो लोग पशु क्रूरता में शामिल होते हैं, उनके अन्य अपराध करने की संभावना तीन गुना अधिक होती है, जिसमें हत्या, बलात्कार, डकैती, हमला, उत्पीड़न, धमकी और नशीली दवाओं/मादक द्रव्यों का सेवन शामिल है।”
PETA इंडिया लंबे समय से PCA अधिनियम, 1960 को सशक्त बनाए जाने की मांग कर रहा है, जिसमें आज भी पहली बार अपराध करने वालों के लिए अधिकतम ₹50 का जुर्माना जैसे बेहद कमज़ोर दंड निर्धारित हैं। हालांकि, भारतीय न्याय संहिता, 2023 में अब अधिक कठोर दंड प्रावधान किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, PETA इंडिया ने केंद्र सरकार को भेजे गए अपने प्रस्ताव में पशु क्रूरता के मामलों में दंड को कड़ा करने और अपराधियों की काउंसलिंग को अनिवार्य बनाने की सिफारिश की है।