प्रयागराज के छात्र ने जीता साल 2020 का PETA इंडिया ‘वालंटियर ऑफ द ईयर’ अवार्ड

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‘अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस’ (इंटरनेशनल वालंटियर डे- 5 दिसंबर) के उपलक्ष्य में, PETA इंडिया ने वालंटियर ऑफ द ईयर 2020 के पुरुस्कार के लिए ‘ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी’ के छात्र अयान बनर्जी के नाम की घोषणा की है।

अठारह वर्षीय अयान वीगन जीवनशैली जीते हैं और दो वर्षों से PETA इंडिया की वालंटियर सूची में शामिल है। उन्होंने हमेशा युवाओं को जानवरों के अधिकारों के प्रति सचेत करने के लिए बहुत समर्पण दिखाया है। उन्होंने इलाहाबाद के ‘बाल भारती स्कूल’ और मसूरी के ‘विनबर्ग एलन स्कूल’ जैसे प्रतिष्ठित स्कूलों में जाकर वीगन जीवनशैली से होने वाले फ़ायदों पर छात्रों को जागरूक किया है। अयान ने इलाहाबाद संग्रहालय के सहयोग से, एक 200 किलोमीटर लंबी दौड़ में भाग लिया जिसके अंतर्गत उन्होंने कई कॉलेजों का दौरा करके वहाँ पाठ्य सामग्री वितरित की है और वीगन जीवनशैली का प्रचार प्रसार किया है। उन्होंने इस साल जनवरी में “वीगन अहिंसा योग और संगीत समारोह” में प्रदर्शित PETA इंडिया के स्टाल पर कार्यकर्ता की मदद की और इलाहाबाद में हुए PETA इंडिया के स्ट्रीट प्रदर्शन में भाग लेकर दर्शकों को ‘पैट शॉप या ब्रीडर” से पालतू कुत्ता खरीदने के बजाय बेघर या पशु आश्रय से देसी कुत्ता गोद लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया। अयान ने इसके अलावा और भी कई कार्यकर्मों में अपना योगदान दिया।

इस महामारी के दौर में, उन्होंने कई छात्रों को PETA इंडिया के ऑनलाइन वेबिनर में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। अयान ने स्वयं भाग लेने के साथ- साथ अपने मित्रों को भी PETA इंडिया के अनेक मिशनों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया, जैसे वीगन व्यंजन चैलेंज और मित्रता दिवस पर होने वाली एक विशेष गतिविधि जिसमें लोगों को बेघर जानवरों को गोद लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। उन्होंने सोशल मीडिया का प्रयोग करके जानवरों के अधिकारों के प्रति और बेघर कुत्ते- बिल्लियों को भोजन देने के लिए भी अपनी आवाज़ उठाई।

वह PETA Youth के आउटरीच अभियानों का संचालन करने के साथ- साथ, अपने सहपाठियों को PETA इंडिया के दयालु नागरिक कार्यक्रम की वर्चुअल कार्यशाला का आयोजन करने के लिए भी प्रोत्साहित करते है। PETA इंडिया का दयालु नागरिक कार्यक्रम पुरस्कृत मानवीय शिक्षा कार्यक्रम है जिसके अंतर्गत 8 से 12 वर्ष के बच्चों को जानवरों के प्रति संवेदनशीलता बरतने हेतु शिक्षित किया जाता है। अयान इस कार्यक्रम को स्कूलों में लागू करने में अपना भरपूर योगदान देते हैं।