PETA इंडिया की शिकायत पर सोशल मीडिया ‘लाइक्स’ के लिए कुत्ते के बच्चे को प्रताड़ित करने वाले युवक के खिलाफ प्रतापगढ़ पुलिस ने FIR दर्ज की
सोशल मीडिया पर एक दिल दहला देने वाला वीडियो वायरल होने के बाद, जिसमें एक युवक को केवल सोशल मीडिया ‘लाइक्स’ के लिए एक कुत्ते के बच्चे को बेरहमी से पीटते और प्रताड़ित करते हुए देखा गया, PETA इंडिया ने प्रतापगढ़ पुलिस के सहयोग से आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज करवाई। संस्था की शिकायत के आधार पर पुलिस ने तत्काल FIR दर्ज की।
पुलिस ने यह FIR भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 325 और 3(5), तथा पशु क्रूरता निवारण अधिनियम (PCA), 1960 की धारा 3 और 11(1)(a) के तहत दर्ज की है। इस मामले की जानकारी सबसे पहले गौ रक्षा दल, हरियाणा के गौरव आर्य द्वारा पुलिस को दी गई थी, जिसके बाद आरोपी की पहचान कर उसे हिरासत में लिया गया। पुलिस ने पुष्टि की है कि कुत्ते का बच्चा जीवित और सुरक्षित है, और उसका चिकित्सकीय परीक्षण जारी है।
यह भयावह वीडियो आरोपी द्वारा स्वयं अपने इंस्टाग्राम अकाउंट – @dinu_timli_lover – पर अपलोड किया गया था। वीडियो में वह एक डरे-सहमे कुत्ते के बच्चे को गर्दन से खींच रहा है, उसे चारपाई पर पटक रहा है, बार-बार घूंसे मार रहा है और फिरउसे अपने पैरों के नीचे दबा रहा है, इस क्रूरता के दौरान कुत्ते का नन्हा बच्चा लगातार चीख रहा है लेकिन आरोपी पर उसकी चीखों का कोई असर नहीं होता। एक अन्य व्यक्ति पास खड़ा यह सब चुपचाप देख रहा है, जबकि पीछे खड़ा वीडियो रिकॉर्ड कर रहा तीसरा व्यक्ति हँसते हुए सुनाई दे रहा है। यह क्रूरता न केवल एक मासूम पशु के साथ हिंसा थी, बल्कि करुणा की पूरी तरह से अवहेलना भी थी। पुलिस हस्तक्षेप के बाद वीडियो को सोशल मीडिया से हटा दिया गया। हालांकि, भारी जनविरोध के चलते आरोपी ने माफ़ी माँगते हुए एक वीडियो पोस्ट किया, लेकिन PETA इंडिया का मानना है कि आरोपी अब भी पशुओं के लिए ख़तरा बना हुआ है।
PETA इंडिया की क्रुएल्टी रिस्पॉन्स कोर्डिनेटर सलोनी सकारिया ने कहा, “जो लोग पशुओं के साथ दुर्व्यवहार करते हैं, वे अक्सर आगे चलकर मनुष्यों को भी नुकसान पहुँचाते हैं। पशु क्रूरता और ऐसे मामलों में युवाओं की भागीदारी को बेहद गंभीरता से लिया जाना चाहिए। हम इस मामले में FIR दर्ज कर कार्रवाई करने और यह स्पष्ट संदेश देने के लिए कि पशुओं पर क्रूरता बर्दाश्त नहीं की जाएगी, पुलिस अधीक्षक श्री विनीत कुमार बंसल, IPS, प्रतापगढ़ और थाना प्रभारी श्री रमेश चंद्र मीणा, केशरियावाड़ थाने के प्रयासों की सराहना करते हैं।”
PETA इंडिया पशु क्रूरता के अपराधियों की मनोदशा का मूल्यांकन और काउंसलिंग की सिफारिश करता है क्योंकि पशुओं के प्रति शोषण के कृत्य एक गहरी मानसिक अशांति को इंगित करते हैं। शोध से पता चला है कि जो लोग पशुओं पर क्रूरता करते हैं, वह अक्सर आगे चलकर अन्य पशुओं व मनुष्यों को भी चोट पहुंचाने का प्रयास करते हैं। फोरेंसिक रिसर्च एंड क्रिमिनोलॉजी इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि “जो लोग पशु क्रूरता में शामिल होते हैं, उनके अन्य अपराध करने की संभावना 3 गुना अधिक होती है, जिसमें हत्या, बलात्कार, डकैती, हमला, उत्पीड़न, धमकी और नशीली दवाओं/मादक द्रव्यों का सेवन शामिल है।”
इतिहास इस बात का साक्षी है कि कई गंभीर अपराधियों की हिंसक प्रवृत्ति की शुरुआत मासूम पशुओं पर क्रूरता करने से हुई थी। अमेरिका में अल्बर्ट डेसाल्वो, जिसने 13 महिलाओं की हत्या की थी, बचपन में कुत्तों और बिल्लियों को फँसाकर उन पर तीर चलाया करता था। वहीं कुख्यात सीरियल किलर जेफरी डामर मेंढकों, बिल्लियों और कुत्तों के सिर काटकर उन्हें डंडों पर टांग देता था, जैसे वे सिर्फ खिलौने हों। UK में स्टीवन बार्कर, जिसने एक मासूम बच्चे को यातनाएँ देकर उसकी मौत में भूमिका निभाई, बचपन में छोटे-छोटे पशुओं को प्रताड़ित करने में आनंद लिया करता था—वह गिनी पिग्स को तंग करता और मेंढकों की खाल उतारकर उनके पैर तोड़ देता था। भारत में, केरल की कानून छात्रा जीशा के साथ बलात्कार और हत्या के दोषी अमीरुल इस्लाम को मौत की सज़ा सुनाई गई। उससे पहले वह कुत्तों और बकरियों के साथ यौन उत्पीड़न कर उनकी हत्या कर चुका था।