PETA इंडिया द्वारा ‘हाथी बचाओ दिवस’ के अवसर पर ‘पोचर’ सिरीज के निर्देशक को असल पशुओं की जगह CGI तकनीक इस्तेमाल करने के लिए सम्मानित किया गया

Posted on by Erika Goyal

PETA इंडिया द्वारा, हाथी बचाओ दिवस (16 अप्रैल) के अवसर पर‘पोचर’  नामक सिरीज़ के निर्देशक रिची मेहता को अपनी सिरीज में जानवरों के बजाय अत्याधुनिक कंप्यूटर-जनरेटेड इमेजरी (CGI) का उपयोग करने के लिए टेक, नॉट टेरर (Tech, Not Terror) अवार्ड से नवाज़ा गया है। यह सिरीज़ भारत में दांत के लिए हाथियों के अवैध शिकार और उनकी तस्करी से संबंधित है। यह वास्तविक घटनाओं पर आधारित है एवं अमेज़न प्राइम वीडियो पर स्ट्रीमिंग के लिए उपलब्ध है।

यह क्राइम थ्रिलर वन अधिकारियों के एक समूह पर केंद्रित है और ‘ऑपरेशन शिकार’ पर आधारित है। यह ऑपरेशन केरल वन विभाग द्वारा हाथी दांत के अवैध शिकार और तस्करी के व्यापक नेटवर्क को खत्म करने के लिए लंबे समय से चलाया जा रहा है। इस बेहतरीन ढंग से शूट की गयी सिरीज में इंसानों द्वारा पशुओं के शोषण के विभिन्न तरीको को उजागर किया गया है।

हाथियों को सभी प्रकार के शोषण से मुक्त कराना अति आवश्यक है जिसमें मनोरंजन या दातों के लिए इन निर्दोष पशुओं का जबरन अपहरण एवं उपयोग शामिल है। पोचर जैसी संदेश वर्धक कहानी और CGI तकनीक के प्रयोग से इस दयालु संदेश को जनता के सामने बहुत ही बेहतरीन ढंग से प्रस्तुत किया गया है।

फ़िल्म और टेलीविज़न में उपयोग किए जाने वाले पशुओं को अक्सर शारीरिक कष्ट, प्यास एवं भुखमरी और अन्य प्रकार के शोषण का सामना करना पड़ता है। जब इन पशुओं का प्रदर्शन हेतु उपयोग नहीं किया जाता तो इन्हें बेहद भयानक परिस्थितियों में जंजीरों या पिंजरों में कैद रखा जाता है।

आज के आधुनिक युग में, मनोरंजन हेतु पशुओं के साथ होने वाले शोषण के खिलाफ़ बढ़ती जागरूकता के कारण, फिल्म निर्माताओं द्वारा पशुओं को चित्रित करने के लिए CGI का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। PETA इंडिया द्वारा CGI का उपयोग करने के लिए पुरस्कृत किए गए निर्देशकों की सूची में ‘राइज़ ऑफ़ द प्लैनेट ऑफ़ द एप्स’  के रूपर्ट व्याट, ‘नूह’  के डैरेन एरोनोफ़्स्की और ‘द जंगल बुक’  के जॉन फेवर्यू शामिल हैं।

क्रूर प्रदर्शनों हेतु हाथियों के प्रयोग पर रोक लगवाने में हमारी सहायता करें