भारत सरकार द्वारा सर्कसों में जानवरों के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करने के प्रस्ताव को 1 लाख छात्रों का समर्थन

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नोएडा स्थित ‘स्टेप बाई स्टेप स्कूल’ के कक्षा 11वीं के छात्र अरविंद वलियते, ‘लोटस वेली’ स्कूल के कक्षा 12 वीं के छात्र आर्यन कुमार और ‘द श्रीराम मिलेनियम स्कूल’ की कक्षा 11वीं की छात्रा जानाश्री ने ‘पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्रालय’ को एक याचिका प्रस्तुत की जिसपर देशभर के सरकारी और निजी स्कूलों के 1,00,000 छात्रों ने हस्ताक्षर कर, मंत्रालय से सर्कसों में जानवरों के प्रयोग को प्रतिबंधित करने वाले नियमों के मसौदे को पास करने का अनुरोध किया है। इस अभियान को मुंबई के ‘आदित्य बिड़ला वर्ल्ड एकेडमी’, ‘अजमेरा ग्लोबल स्कूल’, ‘अपोस्टोलिक कार्मेल हाई स्कूल और जूनियर कॉलेज’; दिल्ली के ‘विशाल भारती पब्लिक स्कूल’; और चेन्नई के ‘जर्मन इंटरनेशनल अकादमी’ का भी सहयोग मिला है।

चेन्नई स्थित जर्मन इंटरनेशनल अकादमी की कक्षा 5वीं की छात्रा सितारा प्रियन्थ ने कहा, “हम बच्चे यह पूरी तरह समझते हैं कि सर्कस किसी भी जानवर के लिए अच्छा अनुभव नहीं है। कोई भी जानवर नहीं चाहेगा कि उसे तंग पिंजरों में, जंजीरों से कैद कर मारा-पीटा जाए। इसके बजाय सर्कसों का आयोजन इच्छुक मानव कलाकारों के सहयोग से किया जाना चाहिए।”

सर्कसों में मनोरंजन हेतु जानवरों का प्रयोग बहुत ही क्रूर प्रथा है जिसके कारण जानवरों को तंग पिंजरों में जंजीरों से कैद रखा जाता है और उन्हें हर प्रकार की पशुचिकित्सकीय सेवाओं से वंचित रखते हुए भूखा-प्यासा रहने के लिए मज़बूर किया जाता है। उनके प्राकृतिक उत्थान को पूर्ण रूप से बाधित किया जाता है और उनसे जबरन मुश्किल, असहज और कष्टदायी करतब कराए जाते हैं। ऐसी तनावपूर्ण परिस्थितियों में रहने के कारण कई जानवरों में ख़तरनाक मानसिक बीमारियों के लक्षण देखने को मिलते हैं।

इसके अलावा, सर्कस के कारण कई ख़तरनाक शारीरिक रोग भी मनुष्यों में फैल सकते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख रोग हैं, टीबी जो हाथियों से फैलता है, ग्लैंडर्स जो घोड़ों से फैलता है, पैरट फीवर जो पक्षियों से फैलता है और मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम जिसका स्त्रोत कोरोना वाइरस है एवं जो ऊठों से मनुष्यों में फैलता है।

अगर भारत में यह प्रस्ताव पारित होता है तो भारत भी बोलीविया, बोस्निया और हर्ज़ेगोविना, साइप्रस, ग्रीस, ग्वाटेमाला, इटली और माल्टा जैसे देशों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा जिन्होंने सर्कसों में जानवरों के प्रयोग को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया है। रवीना टंडन, सोनू सूद, विद्या बालन, शिल्पा शेट्टी कुंद्रा, जॉन अब्राहम, आर माधवन, दिया मिर्ज़ा और सनी लियोन जैसी कई प्रसिद्ध हस्तियों ने इस प्रस्तावित प्रतिबंध का समर्थन किया है।

पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री को Tweet कर सर्कसों में जानवरों के प्रयोग को प्रतिबंधित करने का आग्रह करें